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अलविदा 2020 : सरकार की कई योजनाओं का गरीबों को मिला लाभ

अलविदा 2020 कोरोना काल में बाहर से आए प्रवासियों को भी मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत दिया गया काम। 30 हजार से अधिक श्रमिकों को वर्तमान में मनरेगा के तहत मिल रहा काम। बैंकों से कम दर पर लोन मुहैया कराने की दिशा में कवायद।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 07:58 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 07:58 AM (IST)
अलविदा 2020 : सरकार की कई योजनाओं का गरीबों को मिला लाभ
गरीबी उन्मूलन की दिशा में जीविका द्वारा योजनाओं का लाभ ग्रामीण महिलाओं को बखूबी मिल रहा है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। गरीब उन्मूलन को लेकर सरकार की तरफ से कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाए जा रही हैैं। इस दिशा में गरीबोंं का जीवनस्तर उठाने को लेकर उन्हें सरकार की तरफ से योजनाओं का भरपुर लाभ दिया जा रहा है। इसमें मनरेगा महत्वाकांक्षी साबित हो रही है। इसके अलावा जीविका द्वारा समूह बनाकर महिलाओं को रोजगार सृजन कराया जा रहा है। गरीबी उन्मूलन की दिशा में जीविका द्वारा योजनाओं का लाभ ग्रामीण महिलाओं को बखूबी मिल रहा है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत भी गरीबों को लाभांवित किया जा रहा है। बैंकों से कम फीसद पर लोन मुहैया कराने की दिशा में भी प्रशासन की तरफ से कवायद की जा रही है। इस साल कोरोना काल में बाहर से लौटे प्रवासियों को भी मनरेगा के तहत काम देकर सहायता दी गई। 

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30 हजार से अधिक श्रमिकों को काम

बता दें कि कोरोना काल के दौरान प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून को खगडिय़ा जिले के तेलिहार ग्राम से गरीब कल्याण रोजगार योजना शुरू की थी। इसने मजदूरों के दिलों में खुशियां भर देने का काम किया। इसके तहत 125 दिन मजदूरों को काम देने का निर्णय लिया गया था। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि सभी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसके तहत मनरेगा, 14वें वित्त, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना आदि के तहत बड़े पैमाने पर श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। वर्तमान में मनरेगा के तहत 30 हजार से अधिक श्रमिकों को काम मिल रहा है। मनरेगा के डीपीओ का कहना है कि गरीबी उन्मूलन की दिशा में योजनाओं का लाभ गरीबों को पहुंचाया जा रहा है। वर्तमान में 30,200 से अधिक श्रमिकों को काम दिया जा रहा है। 80 फीसद मानव दिवस का सृजन किया गया है। इसके अलावा पांच हजार प्रवासियों को भी जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत मनरेगा से काम दिया गया है।

प्रखंड ---- काम कर रहे श्रमिक

औराई --- 924

बंदरा ----2046

बोचहां ----1966

गायघाट ---2942

कांटी ----645

कटरा ---2830

कुढऩी ----4023

मड़वन ----1066

मीनापुर ----2375

मोतीपुर ----2505

मुरौल ------174

मुशहरी ---646

पारू ----2750

साहेबगंज ----1778

सकरा ----613

सरैया ----2900 


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