मुजफ्फरपुर, जासं। बकरी पालन आर्थिक तरक्की के रास्ते खोल रही है। पशुपालक इससे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में लगे हैं। सरकार की समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत बकरी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए अनुदान दे रही है। इस योजना से पशुपालकों में खुशहाली आने लगी है। योजना का लाभ लेने के लिए लोग जागरूक हुए हैं। सरकार से मिलने वाले अनुदान की वजह से काफी संख्या में लोग आवेदन कर रहे हैं। अब तक 97 लोगों को योजना का लाभ मिल चुका है।
बकरी पालक मनोज कुमार ने कहा कि सरकार की इस योजना से काफी मदद मिली। बकरी पालन से आर्थिक स्थिति सुधर रही है। बकरी पालक राजू साह कहते हैं कि स्वरोजगार के लिए सरकार की यह योजना काफी कल्याणकारी है। अनुदान के रूप में सरकार से मिलने वाली मदद ने बकरी पालन से आर्थिक स्थिति सुधारने का हौसला दिया। पहले वे बेरोजगार थे, अब वे और उनका परिवार बकरी पालन कर रहा है। इससे बेरोजगारी खत्म हो गई। आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी।
योजना में मिलने वाले लाभुकों की संख्या
योजना के तहत 2016-17 में पांच को लाभ मिला। 2017-18 में 16 को, 2018-19 में 30 को, 2019-20 में 39 को योजना का लाभ दिया गया। 2020-21 में सात लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया।
क्या है योजना
पशुपालन विभाग के समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत बकरी व बकरा खरीदने और शेड निर्माण के लिए ऋण दिया जाता है। सरकार इस पर अनुदान देती है। अनुदान बकरियों के क्रय व शेड के निर्माण के बाद दिया जाता है।
किसान तकनीकी प्रवीणता बढ़ाएं तो आमदनी बढऩा तय
मुशहरी। आत्मा दरभंगा द्वारा संपोषित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी में रविवार को हुआ। 24 से 28 नवंबर तक 25 लीची उत्पादक किसानों ने प्रशिक्षण लिया। समापन सत्र में केंद्र के निदेशक डा.शेषधर पांडेय ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षित किसान अगले 50 किसानों को नई तकनीकी के बारे में बताएं। कोई बागवान आपकी बात पर विश्वास न करे तो अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक का संपर्क सूत्र बताएं। ठीक से तकनीकी प्रवीणता हासिल कर लें तो खेती से अच्छी कमाई कर सकते है। उन्होंने कहा कि कीटनाशक या पादप सुरक्षा को रासायनों का प्रयोग अंदाज से न करें। खाद व पानी का उचित समय पर प्रयोग करें। मार्केट इंटेलिजेंस की मदद से फल को दूरस्थ बाजार मे बेचें। मार्केट नेटवर्क ऐसा बनाएं कि आपके लीची के फल की मांग बढ़े।
केंद्र के वरीय वैज्ञानिक व तकनीकी हस्तांतरण प्रभारी डा.संजय कुमार सिंह ने बताया कि दरभंगा जिले के 20 किसानो में कीरतपुर प्रखंड से 10, तारडीह से चार, केवटी से दो व बेनीपुर प्रखंड से तीन किसानों ने भाग लिया। इसके अलावा पूर्वी चंपारण के मधुबन प्रखंड के दो, मुजफ्फरपुर के मोतीपुर प्रखंड के एक व वैशाली जिले के महनार प्रखंड के एक किसान ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। मौके पर केंद्र के प्रशिक्षण संयोजक एवं फल वैज्ञानिक डा.सुनील कुमार, तकनीशियन डा.जयप्रकाश वर्मा, उपज्ञा साह, मुनीश कुमार आदि थे।
a