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बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को कन्या उत्थान योजना का शीघ्र मिलेगा लाभ, जानिए Muzaffarpur News

अविवाहित छात्राओं को स्नातक में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर 25 हजार की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान। छात्राओं के प्रमाणपत्रों का मिलान टीआर से किया जा रहा।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 08:33 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 08:33 AM (IST)
बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को कन्या उत्थान योजना का शीघ्र मिलेगा लाभ, जानिए Muzaffarpur News
बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को कन्या उत्थान योजना का शीघ्र मिलेगा लाभ, जानिए Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में 2018 में प्रथम श्रेणी से स्नातक पास करने वाली अविवाहित छात्राओं को जल्द ही कन्या उत्थान योजना का लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय में छात्राओं की ओर से मिले आवेदन पर गुरुवार से कार्य शुरू हो गया है। लॉकडाउन से पहले ही योजना का लाभ नहीं मिलने के कारण छात्राएं विवि के चक्कर काट रही थीं। इसके बाद विवि बंद हो गया था। अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ.अभय कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि छात्राओं के प्रमाणपत्रों का मिलान टीआर से किया जा रहा है। उनके रजिस्ट्रेशन व रोल नंबर के आधार सही होने पर ऑनलाइन कल्याण विभाग को भेज दिया जाएगा। 

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 बता दें कि अविवाहित छात्राओं को स्नातक में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने पर सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि के रूप में 25 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके लिए संबंधित पोर्टल पर उत्तीर्ण होने से संबंधित विवरण के साथ आवेदन देना होता है। विश्वविद्यालय में इनका मिलान किया जाता है। साथ ही विवरण सही पाए जाने पर कल्याण विभाग को भेजा जाता है। इसके बाद राशि छात्राओं के खाते में राशि भेजी जाती है। 

नए सत्र के लिए नई योजना बना रहा विवि 

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय नए सत्र के लिए नई कार्ययोजना तैयार कर रहा है। लॉकडाउन के कारण विवि की ओर से पहले की प्लाङ्क्षनग पर पूरी तरह से विराम लग गया है। विवि की ओर से जब रिजल्ट देने की योजना थी, उस समय तक विवि परीक्षा भी नहीं ले सका है। इसको लेकर अब नए सत्र के लिए नया एकेडमिक कैलेंडर तैयार करने पर विचार हो रहा है। यूजीसी ओर से जारी दिशा निर्देशों के आधार पर विवि में इसे तैयार किया जाएगा। इसको लेकर कमेटी का भी गठन होगा।

 यूजीसी ने अगस्त-सितंबर से इसे शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए विवि इसपर विचार कर रहा है। कैलेंडर तैयार कर पहले इसे राजभवन को भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलते ही विवि में यह लागू हो जाएगा। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि नए सत्र के लिए राजभवन की ओर से भी गाइडलाइन जारी किया जा सकता है। फिलहाल विवि इसकी आंतरिक तैयारी में जुटा हुआ है। इससे फायदा यह होगा कि कॉलेज व विवि खुलने के बाद विद्याॢथयों को अधिक इंतजार नहीं करना होगा।


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