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मुजफ्फरपुर: औराई में जंगली सुअर के काटने से बालिका की मौत, घर के बाहर खेलने गई थी बच्ची

Muzaffarpur News औराई थाना के भरथुआ पंचायत के मधुबन बेसी गांव की घटना। घर के बाहर खेलते समय बालिका को किया घायल एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान तोड़ा दम। घटना की पुष्टि पंचायत की मुखिया प्रियंका कुमारी ने की है।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 06:55 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 06:55 AM (IST)
मुजफ्फरपुर: औराई में जंगली सुअर के काटने से बालिका की मौत, घर के बाहर खेलने गई थी बच्ची
औराई में जंगली सुअर के काटने से बालिका की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुजफ्फरपुर, जासं। औराई प्रखंड में जंगली जानवरों का आतंक है। ये फसलों को चट कर किसानों को आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचा रहे, बल्कि अब लोगों पर हमलाकर जान भी ले रहे हैैं। फसलों को बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय किसान कर रहे हैैं। 

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भरथुआ पंचायत अंतर्गत मधुबन बेसी गांव में जंगली सुअर के काटने से रमेश सहनी की पुत्री खुशी कुमारी (12) की मौत हो गई। बुधवार देर शाम वह दरवाजे के पास खेल रही थी। इसी दौरान बनैया सुअर के काटने से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। स्वजनों ने उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया, जहां गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना की पुष्टि पंचायत की मुखिया प्रियंका कुमारी ने की है। वहीं, नयागांव पंचायत के बैजनाथ बेसी गांव के मो.जावीर को भी खेत में काम करते समय जंगली सुअर ने काटकर जख्मी कर दिया। इसी गांव की कमरूल निशा (55) को एक माह पहले जंगली सुअर ने काटकर जख्मी कर दिया था।

आठ वर्ष पहले भी हुई थी एक युवक की मौत

भरथुआ गांव निवासी सत्यवान राम (32) की आठ वर्ष पूर्व जंगली सुअर के काटने से मौत हो गई थी। वह भरथुआ चौर में घास काट रहे थे, तभी अचानक पीछे से आकर जंगली सुअर ने उन्हें काटकर जख्मी कर दिया था। उनके शोर मचाने पर आसपास के लोग दौड़े तो सुअर भाग गया। ग्रामीणों की मदद से उनको एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई थी। 

तेंदुए ने दर्जनभर लोगों को किया था जख्मी

25 जून, 2020 को तेंदुए ने मधुवन प्रताप, पटोरी टोला, बाड़ा बुजुर्ग व बाड़ा खुर्द गांव के दर्जनभर महिलाओं व पुरुषों को काटकर जख्मी कर दिया था। सरहंचिया पंचायत की पूर्व सरपंच नीलम कुमारी की सूचना पर पीएचसी औराई के डॉक्टरों की टीम ने हंसवारा गांव स्थित डॉ.एचसी प्रसाद के क्लीनिक पर जाकर सभी जख्मी लोगों का इलाज किया था। वहीं 26 जून को वन विभाग की टीम ने मधुवन प्रताप, पटोरी टोला, बाड़ा बुजुर्ग, बारा खुर्द गांवों में जाकर उक्त मामले में जांच कर तेंदुए की खोजबीन की थी, लेकिन वह पकड़ा नहीं जा सका था। 

जंगली जानवरों का सेफ जोन बना भरथुआ चौर

बागमती परियोजना उत्तरी व दक्षिणी बांध के बीच भरथुआ चौर में एक तरफ गुरहन घास का जंगल हो गया है। इसमें बनैया सुअर, नीलगाय समेत कई जंगली जानवरों का बसेरा बना है। ये जानवर सिर्फ दोनों बांध के अंदर ही नहीं रहते हैं। इससे निकलकर बांध के बाहर के खेतों में भी किसानों की फसल बर्बाद करते हैं।

जंगली सुअर व नीलगाय के डर से नहीं होती आलू की खेती

जंगली जानवरों के डर से सरहंचिया, आनंदपुर, अमनौर, अतरार, नयागांव, गंगुली, हंसवारा, पटोरी, मधुवन प्रताप, महेशवारा समेत कई गांवों में किसान आलू की खेती नहीं करते हैं।

बचाव का निकाला नया उपाय

आलू की फसल को जंगली सुअर से बचाने के लिए लोगों ने जाल से खेत को घेर दिया है। मधुवन प्रताप गांव में आलू की खेती को बचाने के लिए लाल सहनी, तिलयुग सहनी, चंदेश्वर सहनी, छोटन सहनी समेत कई किसानों ने जाल से खेतों को चारोंतरफ से घेर दिया है। 


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