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रौतिनिया में कचरा डंपिंग का जमकर विरोध, बैरंग लौटे डीएम व एसपी Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर के मड़वन रौतिनिया स्थित नगर निगम के डंपिंग स्थल पर सालभर से शहर का कचरा। डंपिंग स्थल पर कचरा नहीं गिरने दे रहे ग्रामीण ।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 09:43 PM (IST)
रौतिनिया में कचरा डंपिंग का जमकर विरोध, बैरंग लौटे डीएम व एसपी Muzaffarpur News
रौतिनिया में कचरा डंपिंग का जमकर विरोध, बैरंग लौटे डीएम व एसपी Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। रौतिनिया स्थित नगर निगम के डंपिंग स्थल पर शहर का कचरा डंप करने से रोक रहे ग्रामीणों को समझाने पहुंचे डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी जयंतकांत, नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा, एसडीओ पूर्वी डॉ. कुंदन कुमार, एसडीओ पश्चिमी अनिल कुमार दास को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। बता दें कि ग्रामीण सालभर से वहां शहर का कचरा डंप होने का जमकर विरोध कर रहे हैं। 

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शनिवार को अधिकारियों को देख बड़ी संख्या में महिलाएं भी लाठी-डंडा लेकर वहां पहुंच गईं और जमकर हंगामा किया। महिलाओं ने डीएम एवं अन्य अधिकारियों के गाड़ी को घेर लिया। महिलाओं को जबरन हटाए जाने पर लोग आक्रोशित हो उठे। ग्रामीणों की नाराजगी एवं बढ़ते विरोध को देखते हुए अधिकारियों को वहां से बैरंग लौटना पड़ा। विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि यदि प्रशासन ने सख्ती बरती तो वे शांतिपूर्वक सड़क पर उतर आंदोलन करेंगे। 

ग्रामीण पिछले एक साल से निगम को वहां कचरा डंप करने नहीं दे रहे है। निगम पिछले तीन दिनों से रात के अंधेरे में वहां कचरा डंप कर रहा था जिसे शुक्रवार की रात ग्रामीणों ने रोक दिया एवं विरोध करने लगे। इस दौरान हंगामा भी किया। करजा पुलिस ने किसी तरह उनको समझाकर शांत किया और शनिवार को अधिकारियों से बातचीत का आश्वासन दिया था। शनिवार को प्रात: दस बजे अधिकारी ग्रामीणों को समझाने पहुंचे थे। अधिकारियों की टीम वार्ता के लिए बैठे लोगों के बीच न रुक सीधे डंपिंग स्थल पर पहुंच गई।  आक्रोशित ग्रामीण भी उनके पीछे-पीछे वहां पहुंच गए। वहां से अधिकारियों की टीम पैदल ही वार्ता स्थल पर आ रही थी। इसी बीच आसपास की आक्रोशित महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि किसी भी हाल में उक्त स्थल पर कूड़ा डंप नहीं होने दिया जाएगा। अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे हंगामा करती रहीं।

 बात नहीं बनने पर जब जिलाधिकारी लौटने लगे तो महिलाओं ने उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। गाड़ी के आगे खड़ी महिला को एसडीपीओ सरैया व उनके बॉडीगॉर्ड ने हटाया। इससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया और जमकर बवाल करने लगे। वे एसडीपीओ पर महिला के साथ दुव्र्यवहार का आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग करने लगे। अधिकारियों के जाने के बाद ग्रामीणों ने निगम के ट्रैक्टर व जेसीबी को भी रोक लिया।

 आंदोलन कर रहे ग्रामीण राहुल कुमार, अंकेश कुमार, भुवनेश्वर प्रसाद, दीलिप पासवान, रोहन कुमार, आलोक कुमार, शत्रुघ्न साह, पवन कुमार, महिंद्र ठाकुर, सूरज साह, अवधेश ओझा, उदयशंकर निराला,मुकेश कुमार,पप्पू रजक, उमाशंकर राय, रामनरेश सहनी, जयशंकर प्रसाद निराला आदि का कहना था कि किसी भी हाल में यहां कचरा डंप नहीं करने दिया जाएगा। हम लोगों से ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए जमीन दी थी न की कचरा डंप करने के लिए। उनका कहना था कि मामला अभी उच्च न्यायालय में लंबित है। उनका कहना था कि प्रशासन वार्ता के बदले सख्ती अपना रहा है। बाद में वहां पहुंचे पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा कि वे इसके वैकल्पिक उपाय को लेकर डीएम से करेंगे। 

इस बारे में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया क‍ि डंपिंग स्थल के आसपास कोई गांव नहीं है। डंपिंग स्थल पर कचरा से खाद तैयार करने की व्यवस्था की जा रही है। किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है। बावजूद जो लोग विधि व्यवस्था में बाधा डाल रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। 


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