खुले में कचरा जलाने वाले होंगे दंडित, प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी विभागों को दी गई जिम्मेदारी Muzaffarpur News
मंत्री की समीक्षा के दौरान सामने आए तथ्य परिवहन से सर्वाधिक प्रदूषण। नियमित रूप से फिटनेस व प्रदूषण जांच कराने का निर्देश दिया गया है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में प्रदूषण की भयावह स्थिति को देखते हुए कई स्तरों से नियंत्रण की रणनीति बनाई गई है। जिले के प्रभारी व उद्योग मंत्री श्याम रजक की पिछली समीक्षा में यह रणनीति बनी। इसमें खुले में कचरा जलाने वालों को दंडित करने से लेकर कोयला व लकड़ी के जलाने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई। समीक्षा में यह तथ्य सामने आया था कि परिवहन से सर्वाधिक प्रदूषण होता है। इसे देखते हुए सभी वाहनों के सर्वेक्षण कर नियमित रूप से फिटनेस व प्रदूषण जांच कराने का निर्देश दिया गया है। वहीं शहर के मुख्य भाग में ऑटो के परिचालन को बंद कर दिया जाए। इसकी जगह ई-रिक्शा को बढ़ावा देने के लिए कहा गया।
गांव के लेकर शहर तक हो जागरूकता
सभी सीओ को निर्देश दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें। ताकि, वे पराली, कृषि अवशेष, कूड़ा-कचरा को खुले में नहीं जलाएं। इसके अलावा कोयला, उपला या लकड़ी पर भोजन नहीं बनाए। जिन परिवारों को गैस का कनेक्शन नहीं मिला उन्हें उज्ज्वला योजना से इसे उपलब्ध कराया जाए।
वहीं शहरी क्षेत्र में बाजार, फल मंडी, सब्जी मंडी व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकले कचरे को इकट्ठा कर खुले में जलाया जाता है। इसे रोके जाने की जरूरत है। नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया कि शहर में कचरा जलाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाए। जो ऐसा करते हैं उसे दंडित किया जाए। वहीं धूलकण से बचाव के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए। इसके अलावा चाय व नाश्ता की दुकान चलाने वालों को कोयला या लकड़ी के जलावन पर इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। निर्माण एजेंसियों को खुले में निर्माण सामग्री रखने पर रोक रहेगी।
सभी मुख्य प्रवेश स्थलों पर लगेंगे प्रदूषण मापक डिस्प्ले
प्रदूषण की स्थिति को देखने के लिए शहर के सभी मुख्य प्रवेश स्थलों पर पदूषण मापक डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाएगा। इससे लोगों में जागरूकता आएगी। साथ ही वे सचेत भी होंगे।