बापू की धरोहर बचा रहे गांधी आश्रम प्रभारी, कर रहे तरह तरह के जतन
भितिहरवा गांधी आश्रम के जिस भवन में रुके थे गांधीजी उसके जर्जर हिस्से की करा रहे मरम्मत ।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। जिले का ऐतिहासिक भितिहरवा गांधी आश्रम। नवंबर 1917 में महात्मा गांधी यहां जिस कुटिया (खपरैल का भवन) में रुके थे, उसकी बदहाली पर जब सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो आश्रम प्रभारी खुद मरम्मत करा रहे। तकरीबन एक लाख रुपये खर्च कर रहे हैं।
आश्रम परिसर में घुस गया था पानी
वर्ष 2017 की बाढ़ में पानी गांधी आश्रम परिसर में घुस गया था। इससे गांधीजी जहां रुके थे, वह भवन जर्जर हो गया। प्लास्टर उखडऩे लगे थे। मरम्मत के लिए आश्रम प्रभारी शिवकुमार मिश्रा ने कई बार विभागीय पत्राचार किया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। फिर उन्होंने एमएलसी केदारनाथ पांडेय व राजेश राम से मिलकर जीर्णोद्धार की गुहार लगाई। दोनों एमएलसी की अनुशंसा के बाद भी रुचि नहीं ली गई। आश्रम प्रभारी बताते हैं कि संस्कृति व युवा विकास मंत्रालय के अधीन इस आश्रम का संचालन सरकार की ओर से किया जाता है। अपने कार्यकाल में इस ऐतिहासिक धरोहर को क्षतिग्रस्त होते नहीं देख सकता। दो अक्टूबर को सर्वधर्म प्रार्थना में बापू की यह कुटिया चमकती नजर आएगी। रामनगर विधायक भागीरथी देवी कहती हैं कि जीर्णोद्धार में रुचि नहीं लेने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।