बिहार में गंडक की बाढ़ ने उड़ाई UP के अधिकारियों की नींद, अभियंताओं की टीम कर रही कैंप
सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के कई गांवों पर मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा। अमवा खास तटबंध पर यूपी के अभियंताओं की टीम कर रही कैंप। कुशीनगर के डीएम व एसपी वाल्मीकिनगर पहुंच ले चुके हैं जायजा
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। नेपाल में हुई भारी बारिश से गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ का खौफ न सिर्फ बिहार, बल्कि यूपी के लोगों को भी है। यूपी के कुशीनगर जिले के सोहगीबरवा, खड्डा समेत कई अन्य इलाकों में गंडक नदी का पानी कहर बरपाता है। दो दिन पूर्व नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की सूचना पर बिहार के अधिकारियों के साथ यूपी के अधिकारी भी बेचैन हो गए थे।
मंगलवार को गंडक बराज नियंत्रण कक्ष का जायजा लेने कुशीनगर डीएम भूपेन्द्र एस चौधरी एवं एसपी विनोद कुमार मिश्र वाल्मीकिनगर पहुंचे थे। उन्होंने गंडक बराज के अधीक्षण अभियंता इन्द्रजीत कुमार सिंह से फाटकों, ऑटो मेशन सिस्टम से गेटों के परिचालन समेत अन्य जानकारियां लीं। साथ ही गंडक बराज से पानी के डिस्चार्ज एवं गेटों के परिचालन के बारे में जाना। उन्होंने सूचना का आदान-प्रदान और आपसी सहयोग पर बल दिया।
उल्लेखनीय है कि गंडक नदी के उस पार बिहार के चार प्रखंड क्रमश
मधुबनी, ठकराहां, भितहां और पिपरासी हैं। इनकी सीमा उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से जुड़ी हुई है। ठकराहां में बना अमवा खास तटबंध यूपी के दो दर्जन से अधिक गांवों को बाढ़ से बचाता है। इस वजह से गंडक बराज से पानी का डिस्चार्ज यूपी के लिए मायने रखता है। अमवा खास तटबंध पर फिलहाल गंडक का दबाव कायम है और यहां यूपी के अभियंताओं की टीम कैंप कर रही है।
सांसद ने भी ली थी जानकारी
इससे पूर्व 16 जुलाई को कुशीनगर सांसद ने भी वाल्मीकिनगर पहुंचकर बराज की वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त की थी। सांसद ने तब जिले के बाढ़ प्रभावित दियारा क्षेत्र के गांवों का दौरा भी किया था।