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22 जून से बढ़ेगी वर्षा की सक्रियता, मिलेगी उसम भरी गर्मी से राहत

मस भरी भीषण गर्मी से अगले चार दिनों के बाद राहत मिल सकती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 07:37 AM (IST)
22 जून से बढ़ेगी वर्षा की सक्रियता, मिलेगी उसम भरी गर्मी से राहत
22 जून से बढ़ेगी वर्षा की सक्रियता, मिलेगी उसम भरी गर्मी से राहत

मुजफ्फरपुर। उमस भरी भीषण गर्मी से अगले चार दिनों के बाद राहत मिल सकती है। 22 जून के बाद वर्षा की सक्रियता बढ़ेगी। यह अनुमान है मौसम विभाग का। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा व भारत मौसम विज्ञान विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ. ए सत्तार की ओर से 20 से 24 जून तक का मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस अवधि में उत्तर बिहार में आमतौर पर मौसम शुष्क रहेगा। 22 जून के बाद उच्च तापमान व लू जैसी स्थिति समाप्त हो सकती है। वर्तमान मौसम की स्थिति के आधार पर 24 से 26 जून के बीच उत्तर बिहार में मानसून के पहुंचने का अनुमान है।

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सामान्य से अधिक चल रहा तापमान : इन दिनों अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस रहा। जो सामान्य से 4.0 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक रहा। 23 जून तक अधिकतम तापमान 39 से 41 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। हालांकि इसके बाद तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है।

धूल भरी तूफानी हवा ने रोकी मानसून की राह

इस साल समय से दो दिन पहले चल रहा मानसून पश्चिम बंगाल में आते-आते ठिठक गया। मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के जिला प्रभारी विवेक कुमार सिंह की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पिछले दिनों ईरान व अफगानिस्तान के उपर उच्च दाब का क्षेत्र बना था। इसके प्रभाव से उत्तर व मध्य भारत में धूल उड़ाती तूफानी हवाएं चली थीं। चार-पांच दिनों तक प्रभावी ये हवाएं सतह से 20 से 25 हजार फीट की ऊंचाई तक बनी हुई थी। ये हवाएं इतनी प्रभावी थी कि इसने दक्षिण-पश्चिम से या दक्षिण-पूर्व से आने वाली मानसूनी हवाओं को रोक दिया। इसके अलावा 9 जून के बाद अरब सागर में कोई प्रभावी मौसमी सिस्टम विकसित नहीं हुआ। बंगाल की खाड़ी में कोई ऐसा सिस्टम भी नहीं बना जो मानसून की ताकत को बढ़ा सके। इससे मानसून की गति कमजोर होती गई और पश्चिम बंगाल में आकर ठिठक सी गई। इसमें अब सुधार हो रहा है।


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