Muzaffarpur: तीसरे लहर की तैयारी को चार विशेषज्ञ चिकित्सक भेजे गए पीएचसी, एपीएचसी, सांसद व विधायक ने रखी थी मांग
डा.नवीन कुमार और डा.मधुरेंद्र कुमार को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमालाबाद भेजा गया डा.अनिल कुमार ङ्क्षसह को पीएचसी सकरा तो डा.अभिषेक तिवारी गए बंदरा सिविल सर्जन के निरीक्षण में बंद मिला था एपीएचसी जमालाबाद सांसद अजय निषाद व विधायक निरंजन राय ने सीएस से चिकित्सक की रखी थी मांग।
मुजफ्फरपुर, जासं। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए हर गांव से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक चिकित्सा सुविधा को मजबूत करने की कवायद शुरू है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बंदरा पीएचसी में डिलीवरी सेवा के साथ ब'चों के बेहतर इलाज के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डा.अभिषेक तिवारी को भेजा है। इसके साथ दूसरी लहर में जमालाबाद गांव व उसके आसपास कोरोना का काफी प्रभाव रहा था।
वहां के मुखिया रवींद्र पासवान व उपमुखिया सुधीर कुमार उर्फ पप्पू ने तत्कालीन सिविल सर्जन डा.एसके चौधरी से शिकायत की थी कि यहां पर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ, लेकिन ताला बंद है। इस पर सीएस ने वहां जाकर निरीक्षण किया था। इसके बाद मुशहरी पीएचसी प्रभारी से भवन की रिपोर्ट मांगी। सांसद अजय निषाद ने भी सिविल सर्जन से जमालाबाद एपीएचसी को चालू कराने पर बल दिया था। इस पर वहां डा.नवीन कुमार और डा.मधुरेंद्र कुमार को भेजा गया है। इसी तरह विधायक निरंजन राय गायघाट में डिलीवरी सेवा के साथ ब'चों के बेहतर इलाज के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ की सेवा शुरू कराने के लिए लगातार पहल कर रहे थे। विधायक ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से ब'चों को बचाने के लिए दो और शिशु विशेषज्ञों की जरूरत है। वरीय मेडिसिन व हृदय रोग विशेषज्ञ डा.अनिल कुमार ङ्क्षसह सकरा में अपनी सेवा देंगे।
अधीक्षक ने पुनर्विचार को लिखा पत्र
सदर अस्पताल के अधीक्षक डा. शिवशंकर ने सीएस से प्रतिनियुक्त तोडऩे के आदेश पर पुनर्विचार करने को लेकर पत्र लिखा है। अधीक्षक ने कहा कि सभी विशेषज्ञ चिकित्सक के जाने से इलाज प्रभावित होगा। इसलिए इस पर विभाग के वरीय अधिकारी से मार्गदर्शन लिया जाए।
- सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर आए चार विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनकी मूल पदस्थापना वाली जगहों पर भेजा गया है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एपीएचसी से लेकर पीएचसी तक चिकित्सा नेटवर्क मजबूत किया जा रहा है। चिकित्सक अपना योगदान नई जगह पर देंगे। -डा.विनय कुमार शर्मा, सिविल सर्जन