रंग लाई चार दोस्तों की मेहनत: ऐसी बाइक बनाई जो बालू, गिट्टी, कीचड़ व पानी में भी चलेगी जनाब
चार दोस्तों ने ऐसी बाइक बनाई है जो बालू गिट्टी कीचड़ और पानी में भी चल सकेगी। इसके निर्माण का उद्देश्य बाढ़ व प्राकृतिक आपदा के समय उपयोग करना है।
शशि भूषण कुमार, पूर्वी चंपारण। इंजीनियरिंग (B.Tech.) के चार छात्रों ने जुगाड़ से ऐसी बाइक बनाई है, जो बालू, गिट्टी, कीचड़ और पानी में भी चल सकेगी। इसके निर्माण का उद्देश्य बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) में फंसे लोगों की मदद करना है। चारों छात्र भोपाल के स्कूल ऑफ रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी पीपुल्स यूनिवर्सिटी (School of Research & Technology, Peoples University) के छात्र हैं। इनमें से तीन बिहार (दो मोतिहारी, एक छपरा) है हैं। शेष एक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का निवासी है।
प्राकृतिक आपदा में सहायता को ले बनाया प्रोजेक्ट
देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिवर्ष बाढ़ से फसलों, मकानों की क्षति होती है। वहीं, समय पर दवा व अन्य सामग्री नहीं पहुंचने से कई की जान चली जाती है। ऐसी प्राकृतिक आपदा में लोगों तक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से एक साल पहले छात्रों ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया। जिम्मेदारी निभाई मैकेनिकल के छात्र टीम लीडर मोतिहारी के राजाबाजार निवासी आशीष वैभव, यहीं के भवानीपुर जिरात निवासी साजिद फारूख, छपरा के इरफान खान व उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के संजीव यादव ने।
...और 2.35 लाख के खर्च से बना दी क्वाड बाइक
यूनिवर्सिटी के विभागाध्यक्ष डॉ. पीयूष कुमार सोनी व प्रोजेक्ट इंचार्ज पुष्कर द्विवेदी ने शोध में सहयोग किया। एक साल की मेहनत के बाद यह बाइक तैयार हुई। इसमें चार पहिये हैं। इसका नाम 'क्वाड बाइक' (Quad Bike) रखा गया है। क्वाड बाइक इसलिए कि बाइक की फीचर्स के साथ इसमें चार पहिए लगे हैं। बीते नवंबर में यूनिवर्सिटी में आयोजित साइंस प्रोजेक्ट में इसे प्रस्तुत किया गया। इस प्रोजेक्ट पर 2.35 लाख रुपये खर्च हुए, जिसे यूनिवर्सिटी ने वहन किया।
पल्सर के इंजन व फ्रेम, कार के शॉकर व सस्पेंशन
'क्वाड बाइक' में चार मोटे पहिये लगे हैं। इसमें पल्सर का इंजन व फ्रेम, कार के शॉकर और सस्पेंशन का उपयोग किया गया है। आशीष ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को चैलेंज के रूप में लिया। हर जगह से जरूरी जानकारी जुटाई। काफी अध्ययन और प्रयोग के बाद सफलता मिली।
दवा व जरूरी सामान पहुंचाने में मिलेगी मदद
प्रोजेक्ट इंचार्ज पुष्कर द्विवेदी ने बताया कि बाढ़ के समय जलजमाव से सड़कें कीचड़मय हो जाती हैं। ऐसे में उक्त स्थल पर कोई वाहन चलाना कठिन हो जाता है। ऐसी जगहों पर यह बाइक आसानी से पहुंच जाएगी। इसे एक से डेढ़ फीट पानी में आसानी से चलाया जा सकता है। इससे दवा व जरूरी सामान प्रभावित जगहों पर पहुंचाया जा सकता है।