Move to Jagran APP

Navaruna murder case : जांच पूरी करने को लेकर दसवीं बार सीबीआइ चाह रही तीन माह की अवधि

Navaruna murder case सीबीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दाखिल। यह दसवीं बार है जब सीबीआइ जांच की अवधि विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 21 Mar 2020 08:37 AM (IST)Updated: Sat, 21 Mar 2020 08:37 AM (IST)
Navaruna murder case : जांच पूरी करने को लेकर दसवीं बार सीबीआइ चाह रही तीन माह की अवधि
Navaruna murder case : जांच पूरी करने को लेकर दसवीं बार सीबीआइ चाह रही तीन माह की अवधि

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरुणा मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआइ को तीन महीने की नई डेडलाइन चाहिए। इसके लिए सीबीआइ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। यह दसवीं बार है जब सीबीआइ जांच की अवधि विस्तार के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सीबीआइ ने कोर्ट के समक्ष सीलबंद लिफाफा में प्रगति प्रतिवेदन भी दाखिल किया है। उसकी अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हालांकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने अभी तारीख निर्धारित नहीं की है।

loksabha election banner

फॉरेंसिक रिपोर्ट नहीं मिलने की दी दलील

सीबीआइ की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि जांच के लिए पिछले तीन माह में नए साक्ष्य मिले हैं। इन साक्ष्यों का विश्लेषण किया जा रहा है। इसी तरह हड्डी व कपड़े की फोरेंसिक जांच के लिए मध्यप्रदेश के सागर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में भेजा गया है। यह हड्डी व कपड़े नवरुणा के अपहरण के ढाई माह बाद 26 नवंबर 2012 को उसके घर के निकट नाला की सफाई के दौरान मिला था। वहां से इसकी रिपोर्ट नहीं मिली है। मामले के अनुसंधानकर्ता खुद वहां जाकर संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि मार्च के पहले सप्ताह में जांच पूरी कर ली जाएगी। अर्जी में कहा गया है कि इस जांच रिपोर्ट से कोई बायोलॉजिकल या साइंसटिफिक साक्ष्यों के जुड़ाव की भी जांच की जानी है।

सीबीआइ कर रही जांच

नवरुणा के अपहरण से लेकर उसके घर के सामने के नाला में शव रखने के बिंदुओं पर सीबीआइ जांच कर रही है। संदिग्धों की भूमिका पर भी सीबीआइ की नजर है। इसको लेकर संदिग्धों के विरुद्ध ठोस परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले हैं।

12 लोगों की हो चुकी पॉलीग्राफी टेस्ट

सीबीआइ ने अपनी अर्जी में कहा है कि जांच के क्रम में 12 संदिग्ध लोगों की पॉलीग्राफी टेस्ट कराई गई। चार संदिग्धों का ब्रेन मैपिंग, दो का नार्को व एक का लेयर्ड वायस एनालाइसिस जांच कराई गई है। साक्ष्यों को एकत्र करने के लिए 332 लोगों से पूछताछ की गई थी। सात संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इसके विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने के कारण जमानत मिल गई।

10 मार्च को पूरी हो गई थी नौवीं डेडलाइन

जांच पूरी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली तीन महीने की नौवीं डेडलाइन 10 मार्च को पूरी हो गई। यह डेडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अर्जी पर उसे पिछले साल 10 दिसंबर को दी थी।

सुराग देने वालों को दस लाख ईनाम देने की घोषणा

पिछले साल छह नवंबर को सीबीआइ ने इस मामले में सुराग देने वाले वाले को दस लाख रुपये की घोषणा की थी। इसको लेकर सीबीआइ की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर चस्पा किया गया था।

यह है मामला

18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना के जवाहरलाल रोड स्थित अपने आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। ढाई माह बाद 26 नवंबर 2012 को उसके घर के निकट नाला की सफाई के दौरान मानव कंकाल मिला था। डीएनए टेस्ट में यह नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में इसकी जांच पुलिस ने तथा बाद में सीआइडी ने की। जब नतीजा कुछ नहीं निकला तो सीबीआइ को जांच सौंपी गई। 14 फरवरी 2014 से सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.