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प्रवासी पक्षियों के लिए मुफीद होगी सरैया मन की आहार श्रृंखला, खर्च किए जाएंगे 2.93 करोड़ WestChamparan News

सरैया मन के अम्लीय पानी को क्षारीय करने करने शुरू हुई पहल। वन विभाग व मत्स्य विभाग की ओर से खर्च किए जाएंगे 2.93 करोड़।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:54 PM (IST)
प्रवासी पक्षियों के लिए मुफीद होगी सरैया मन की आहार श्रृंखला, खर्च किए जाएंगे 2.93 करोड़ WestChamparan News
प्रवासी पक्षियों के लिए मुफीद होगी सरैया मन की आहार श्रृंखला, खर्च किए जाएंगे 2.93 करोड़ WestChamparan News

पश्चिम चंपारण [शशि कुमार मिश्र]। उदयपुर वन्य प्राणी आश्रयणी के मध्य स्थित सरैया मन को मत्स्य पालन एवं प्रवासी पक्षियों के रहने के लिए विकसित किया जाएगा। इसके तहत वन विभाग व मत्स्य विभाग मिलकर आहार शृंखला तैयार करेंगे। इसके अम्लीय पानी को क्षारीय बनाया जाएगा। इसे गंडक नदी से जोड़ा जाएगा। इस पर करीब 2.93 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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केंद्रीय मत्स्य अनुवांशिकी संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों ने पिछले माह सरैया मन की स्थिति पर रिसर्च किया। इस दौरान पता चला कि इसका पानी अम्लीय हो गया है। खरपतवार की भी बहुतायत है। इससे मन जलीय जीवों के विकास के लिए अनुकूल नहीं है। जिला मत्स्य पालन पदाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मन में पक्षियों का आगमन एवं उनका रहना मुख्य रूप से मछलियों की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

 यदि पानी का पीएच मान सात से ज्यादा हो तो मछलियों का प्रजनन और विकास अच्छा होता है। लेकिन, यहां के पानी का पीएच सात से कम हो गया है। पानी की गुणवत्ता सुधरे इसके लिए गंडक से निकली तिरहुत नहर को मन से जोड़ा जाएगा। पहले ऐसा था, लेकिन अतिक्रमण व कुव्यवस्था के कारण गंडक का पानी मन में नहीं आता। इसके अलावा मन से खरपतवार को भी खत्म किया जाएगा। 

नवंबर में आते विदेशी पक्षी

नवंबर के अंतिम सप्ताह में ग्रीनलैंड और साइबेरिया सहित अन्य जगहों से पक्षियों का आगमन सरैया मन में होता है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में यहां से लौट जाते हैं। यहां 130 प्रजाति के विदेशी और 90 प्रजाति के देसी पक्षी आते हैं। अभी कई प्रवासी पक्षी नहीं आ रहे।

इन पक्षियों का होता आगमन : कॉमन ङ्क्षकगफिशर, ग्रेटर कूकल, कॉमन हॉक कूक्कू, रोज ङ्क्षरगेड पाराकीट, एमराल्ड डोव, ओस्प्रे, कामन पोचार्ड, फेरोजिनस डक, लिटल ग्रेब, ग्रेट क्रिसेंट ग्रेब, एशियन ओपेन बिल स्टोर्क, मालार्ड, ब्लैक ड्रोंगो, व्हाइट बेल्लिएड ड्रोंगो और स्माल मिनिवेट सहित अन्य प्रवासी पक्षियों का यहां आगमन होता है।

 इस बारे में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक व क्षेत्र निदेशक एचके राय ने कहा कि सरैया मन में दुर्लभ फ्लोरा, फाउना सहित जलीय पौधे पाए जाते हैं। इसके पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए योजना बनाई गई है। इसे शीघ्र धरातल पर उतारा जाएगा।


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