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उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी, संकट बरकरार

समस्तीपुर -दरभंगा रेलखंड पर दूसरे दिन भी बंद रहा परिचालन। पश्चिम चंपारण में कटाव तेज पूर्वी चंपारण में बाढ़ से स्थिति यथावत। पश्चिम चंपारण में गंडक और पहाड़ी नदियों के जलस्तर में कमी आने के बाद कटाव तेज हो गया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 08:39 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 08:39 AM (IST)
उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी, संकट बरकरार
मधुबनी, समस्तीपुर, सीतामढ़ी और दरभंगा के कई गांवों में जमा है पानी। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जाटी। उत्तर बिहार में कड़ी धूप के बीच बुधवार को नदियों के जलस्तर में उतार -चढ़ाव जारी रहा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संकट बरकरार है। पश्चिम चंपारण में गंडक और पहाड़ी नदियों के जलस्तर में कमी आने के बाद कटाव तेज हो गया है। बगहा अनुमंडल क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित लोग बांधों पर रहने को मजबूर हैैं। गंडक बराज से शाम तक 2.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पूर्वी चंपारण के सुगौली और बंजरिया प्रखंड क्षेत्र में स्थिति यथावत है। मधुबनी जिले के बेनीपट्टïी, मधवापुर और मधेपुर प्रखंड के कई गांव पानी से घिरे हैैं। कोसी का कहर जारी है। वहीं कमला बलान शांत हो गई है। गेहुंमा, बलान, भूतही स्थिर है। कोसी क्षेत्र के गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग है। समस्तीपुर और दरभंगा जिले के भी कई गांव बाढ़ की चपेट में हैैं। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढऩे से दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड के थलवारा-हायाघाट के मध्य पुल संख्या 16 पर दूसरे दिन भी परिचालन बंद रहा। सात जोड़ी ट्रेनों का परिचालन रद रहा। छहजोड़ी ट्रेनों का अलग-अलग स्टेशनों पर आंशिक समापन किया गया था। जबकि, 14 ट्रेनों का परिचालन मार्ग परिवर्तित कर किया जा रहा है।

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शिवहर में बागमती नदी के जलस्तर में हल्की गिरावट आई है। मगर अब भी लाल निशान के पार है। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी जमा है। शिवहर के बेलवा-देवापुर मार्ग पर आवागमन बाधित है। सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में भी बागमती खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। मुजफ्फरपुर के शहरी इलाकों में पानी का दबाव कम नहीं हो रहा है।  

रतनौली में घर गिरा, गृहस्वामी चोटिल

मनियारी, संस : कुढनी प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रतनौली वार्ड नंबर चार निवासी गनीनाथ साहनी का खपरैल का घर गिर गया। इसके मलबे मेें दबकर गृहस्वामी चोटिल हो गईं। जख्मी रिंकू देवी का स्थानीय चिकित्सक से इलाज कराया गया। घर गिरने से स्वजन खुले आसमान के नीचे सड़क पर शरण लिए हैं। समाजसेवी अजय कुमार व अर्चना देवी ने पीडि़त परिवार से मिलकर सांत्वना दी। कुढऩी सीओ से जख्मी का इलाज, आवास योजना का लाभ व खाद्य सामग्री की मांग की। पीडि़त गृहस्वामी ने सीओ को आवेदन दिया है। अजय कुमार ने अपने स्तर से सहयोग करने की बात कही। सीओ पंकज कुमार ने बताया कि गिरे हुए घरों की जांच कराकर जिला को रिपोर्ट भेजी जाएगी।


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