Flood Effect: मुजफ्फरपुर में बाढ़ ने फसलों को बुरी तरह नष्ट किया है, भविष्य की चिंता में घुले जा रहे किसान
बाढ़ का प्रभाव किसानेां के खेतों पर दिखाई पड़ रहा। धान की फसल बर्बाद हो गई। तेलहन दलहन के भी बर्बाद होने की आशंका है। केले के पौधे भी बड़ी संख्या में नष्ट हुए हैं। ऐसे में किसान चिंतित हैं।
मुजफ्फरपुर, [शिव शंकर विद्यार्थी]। बाढ़ भले ही अब समाप्त हो गई हो, लेकिन उसका भयावह असर अभी भी देखने को मिल रहा है। इलाके के किसानों के समक्ष इसने गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। जिले के पारू प्रखंड में धान की फसल बर्बाद हो गई। खेतों में जमे पानी में धान के पौधे दिखाई नहीं दे रहे। ऐसे में किसान हताश हैं। उन्हें भविष्य की चिंता सता रही है।
खेतों में धान के पौधों की जगह घास
बाढ़ ने दर्जन भर लोगों की जान ही नहींं ली, बल्कि किसानों की फसल भी बर्बाद कर दी है। खेतों में धान के पौधों की जगह घास ही घास दिखाई दे रही है। किसानों ने महाजन से कर्ज लेकर धान की खेती की थी,अब कर्ज चुकाना मुश्किल होते देख वे परेशान हो चले हैं। फसल क्षति मुआवजा के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर काटते वे परेशान हो रहे हैं।
नारायणी और बाया नदियों की बाढ़ ने तबाही मचाई
पारू प्रखंड की पश्चिम दिशा से नारायणी नदी और उत्तर से पूर्व दिशा तक बाया नदी की बाढ़ का तांडव रहा। फिरलगातार हुई घनघोर बारिश ने तबाही मचा कर रख दी। प्रखंड की 34 पंचायतों में सबसे अधिक तबाही चांदकेवारी, धरफरी, उस्ती, बैजलपुर, कटारु, फतेहाबाद, जयमल डुमरी, चकी सोहागपुर, रघुनाथ पुर, बाजितपुर, मगुरहिया, चोचाही छपरा, सरैया, देवरिया पूर्वी, देवरिया पश्चिमी एवं मुहब्बतपुर पंचायतो में हुई है। इन पंचायतो के किसान मायूस हैं।
कई फसलों की पैदावार पर ग्रहण की आशंका
अगर खेतों मे जमा पानी समय पर नहींं सूख सका तो तेलहन, दलहन और रबी फसलों की पैदावार पर ग्रहण लग सकता है। बाढ़ के पानी के लगातार खेतों में जमे होने की वजह से साग-सब्जी की फसल भी बर्बाद हो गई । वहीं केले के पौधे भी बड़ी संख्या में नष्ट हो गए हैं।