उत्तर बिहार में बाढ़ का कहर, पश्चिम चंपारण में त्रिवेणी नहर के दो तटबंध टूटे
Flood havoc in North Bihar पूर्वी चंपारण में अरेराज-हाजीपुर स्टेट हाइवे पर चढ़ा बाढ़ का पानी। शिवहर के पिपराही प्रखंड के पांच गांवों में घुसा बागमती का पानी। बारिश थमने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार में बारिश थमने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है। गांवों में पानी घुस गया है। सड़कों पर आवागमन ठप है।
पश्चिम चंपारण मेंमाधोपुर गांव के समीप त्रिवेणी नहर की रांगी उपवितरणी के दोनों तटबंध टूट गए। इससे मघिया व गौचरी गांव के तकरीबन 50 घरों में पानी घुस गया है। गंडक का जलस्तर बढऩे से नौतन व बैरिया दियारा से तकरीबन 200 लोग पलायन कर चंपारण तटबंध पर शरण लिए हैं।
चनपटिया-नरकटियागंजमुख्य मार्ग में हिच्छोपाल से मुसहरवा चौक तक सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। लौरिया प्रखंड मुख्यालय का दूसरे दिन भी अनुमंडल मुख्यालय नरकटियागंज एवं रामनगर से सड़क संपर्क भंग रहा। बगहा में गंडक व मसान समेत अन्य पहाड़ी नदियों के चलते करीब 12 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। 500 हेक्टेयर धान व गन्ने की फसल प्रभावित हुई। 2.12 लाख क्यूसेक पानी गंडक बराज से डिस्चार्ज किया गया।
शिवहर में बागमती अभी डुब्बाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। पिपराही प्रखंड के नरकटिया समेत पांच गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। 250 लोग बाढ़ से विस्थापित हुए हैं। डेढ़ हजार हेक्टेयर में लगी फसलें भी डूब गई हैं। शिवहर-मोतिहारी स्टेट हाईवे और शिवहर-सीतामढ़ी हाईवे पर आवागमन शुरू नहीं हो सका है।
पूर्वी चंपारण के अरेराज व संग्रामपुर के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं, अरेराज-हाजीपुर स्टेट हाइवे पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है। सुगौली थाने में बाढ़ का पानी घुस गया है।
मधुबनी के लौकही में नेपाली नदियों के जलस्तर में वृद्धि से तकरीबन 500 एकड़ धान की फसल डूब गई है। सीतामढ़ी के सोनबरसा, सुरसंड, चोरौत, परिहार व बाजपट्टी प्रखंड की 20 से अधिक पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है।
समस्तीपुर में करेह, बागमती का जलस्तर उफान पर है। करेह का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। मुजफ्फरपुर में बागमती और गंडक के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कटरा के बकुची पावर सब स्टेशन में पानी घुस गया है।