बाढ़ से तबाही, नाव पर जिंदगी
बागमती नदी के जलस्तर में बुधवार को गिरावट दर्ज होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
मुजफ्फरपुर। बागमती नदी के जलस्तर में बुधवार को गिरावट दर्ज होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, प्रखंड की सोलह पंचायतों के 60 गावों के आसपास पानी फैला हुआ है। रुन्नीसैदपुर थाने के भादाडीह में बागमती नदी का तटबंध टूटने से मनुमारा नदी के रास्ते उसका पानी लखनदेई में तेजी से फैल रहा है। किसानों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। धान की फसल नष्ट हो गई है। इधर, एसडीओ पूर्वी ने बाढ़ की तबाही समीक्षा के उपरात बताया कि बागमती के टूटे तटबंध की मरम्मत के लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है।
ये पंचायतें बाढ़ से घिरीं
धरहरवा, घनश्यामपुर, भरथुआ, राजखंड उत्तरी, राजखंड दक्षिणी, औराई, रतवारा पश्चिमी, रतवारा पूर्वी, आलमपुर सिमरी, रामपुर, मथुरापुर बुजुर्ग, विशनपुर गोखूल समेत 16 पंचायतों में बाढ़ का पानी पुन: प्रवेश कर गया है। राजखंड के किसान शैलेंद्र शुक्ला, गौतम ठाकुर, गंगुली के अनमोल ठाकुर, औराई के किसान लालबाबू सिंह, अंजनी यादव, विनोद राय ने बताया कि धान की फसल तो मारी ही गई अब रबी की फसल भी नहीं हो पाएगी।
नहीं मिल रहे नाव तो खरीद रहे लोग
बागमती नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के चलते लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। कई इलाकों में नावें ही आवागमन का एकमात्र जरिया बनी हुई हैं। नावों की कमी के चलते लोग नाव खरीदने लगे हैं। बुधवार को नयागाव के परसामा टोला के ग्रामीणों ने नाव खरीदी। बागमती नदी से होकर नाव खरीदकर लौट रहे इन लोगों ने अपना दर्द बताया। यह भी बताया कि उनके लिए घर से निकला भी मुहाल है।