आसमान से बरस रहा आग, इंसान के साथ पशु पक्षी भी बेहाल
मुजफ्फरपुर। बगहा़,मानसून में देरी की वजह से बीते कई दिनों से आसमान से बरस रही आग ने मनुष्यों समेत पश
मुजफ्फरपुर। बगहा़,मानसून में देरी की वजह से बीते कई दिनों से आसमान से बरस रही आग ने मनुष्यों समेत पशु-पक्षियों तक का जीना दुश्वार कर दिया है। आलम यह है कि सुबह में दिन चढ़ने से पहले ही दोपहर में पड़ने वाली प्रचंड गर्मी का एहसास होने लगता है और सुबह 10 बजे से ही हरनाटांड़ सहित क्षेत्र की सड़कों पर भी सन्नाटा पसर जाता है। दोपहर में तो जरूरी काम होने पर भी किसी की बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। वहीं सप्ताह भर से तापमान का पारा, जो 38 डिग्री सेल्सियस से नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा था, बीते चार पांच दिनों से 40 डिग्री सेल्सियस की ऊंचाई छूने लगा है। मौसम जानकारों की माने तो अगले सप्ताह भर में भी थरुहट वासियों को इस प्रचंड गर्मी से निजात मिलने के आसार नहीं दिख रहे है। इस प्रचंड गर्मी के मौसम में जरा सी लापरवाही मनुष्यों से लेकर पशु पक्षियों तक के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इस दौरान लू की चपेट में आए किसी भी प्राणी की ससमय इलाज नहीं होने पर मौत भी हो सकती है। लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। गर्म हवा के थपेड़े लोगों पर भारी पड़ने लगे हैं। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। चिकित्सक ऐसे मौसम में खाने पीने में एहतियात बरतने के साथ धूप से भी बचाव की सलाह दे रहे हैं। बीमारियों से बचाव के लिए तेज धूप से बचें हरनाटांड़ के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. कृष्णमोहन राय बताते हैं कि क्षेत्र में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लोगों के बीच डी हाईड्रेशन, लू, डायरिया, वोमे¨टग, आंखों में जलन एवं चर्म रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इन बीमारियों से बचाव हेतु तेज धूप से बचने हेतु हर संभव प्रयास करें। दोपहर में भरसक बाहर न निकलें। निकले भी तो पूरे बदन को कपड़ों से ढक कर निकले। गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इससे संक्रमण रोग होने का खतरा बना रहता है। इसलिए पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। धूप में चलकर आने के दो मिनट बाद सादा पानी की जगह नीबू पानी लें या फिर दही की लस्सी व सत्तू लें। जरूरत पड़ने पर ओआरएस का घोल भी लें। साथ ही धूप से बचने को चश्मा लगाकर व मुंह से कपड़ा बांधकर निकले। थोड़ी सी भी समस्या सामने आने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। वरना आपकी असावधानी आपको बुरी तरह बीमार कर सकती है। पशुओं को शेड या घने वृक्षों की छांव में रखें :
हरनाटांड़ स्थित पशु चिकित्सालय के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ¨सह के अनुसार प्रचंड गर्मी के प्रकोप से पशु-पक्षी एनर्जी लॉस तथा हिट स्ट्रेस जैसी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। वही लू की चपेट में आए पशुओं को समय से इलाज नहीं होने पर उनके जान का खतरा भी बना रहता है। उन्होंने थरुहट के किसानों को यह हिदायत दी है कि पशुओं को चराने के लिए उन्हें सुबह या शाम में ही बाहर निकाले। दोपहर में उन्हें शेड या घने वृक्षों की छांव में ही रखें।