पांच साल पहले मुजफ्फरपुर में रोहिणी कोर्ट जैसी हुई थी घटना
मुजफ्फरपुर कचहरी परिसर में 11 अप्रैल 2016 को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट जैसी घटना हुई थी।
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर कचहरी परिसर में 11 अप्रैल 2016 को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट जैसी घटना हुई थी। अपने दोस्त प्रिंस की हत्या में आरोपित नगर थाना के पंकज मार्केट मोहल्ला निवासी सूरज कुमार को बदमाशों ने गोलियों से भून दिया था। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। वह उस समय पुलिस अभिरक्षा में हाजत से कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। इस मामले में मो.आबिद सहित अन्य को आरोपित बनाया था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। फिलहाल इस मामले में आरोपितों के खिलाफ एडीजे-पांच के कोर्ट में सत्र विचारण चल रहा है। इससे पहले मार्च 2015 में कटरा थाना क्षेत्र के जुगनू सिंह को कोर्ट में पेशी के दौरान गोली मारी गई थी। इस गोलीबारी में जुगनू सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज से उसकी जान बची।
सूरज हत्याकांड के बाद पूरी तरह बदल गई कोर्ट परिसर की सुरक्षा : सूरज हत्याकांड के बाद मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर की सुरक्षा पूरी तरह बदल गई। परिसर व कोर्ट बिल्डिंग की स्थाई रूप से पूरी तरह घेरेबंदी कर दी गई। स्टेशन रोड, नगर निगम, रेल एसपी के कार्यालय की ओर से आने वाली सड़क को बंद कर दिया गया। बाद में स्टेशन रोड की ओर से आने वाली सड़क को पैदल आने-जाने लायक भर खोला गया। यहां मेटल डिटेक्टर लगाया गया और पुरुष व महिला सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। कोर्ट हाजत के निकट मोर्चा बनाया गया और कोर्ट अवधि में यहां सशस्त्र बलों की प्रतिनियुक्ति की गई। कंपनीबाग की ओर मुख्यद्वार पर चेकपोस्ट व मेटल डिटेक्टर लगाए गए। कोर्ट अवधि में यहां सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई। समाहरणालय व एसडीओ कोर्ट के गेट पर ग्रिल लगाई गई। इससे एक बार में एक ही आदमी ही आ-जा सकता है। पूरे परिसर में हाई पावर सीसी कैमरे लगाए गए। कोर्ट की सुरक्षा को लेकर लगातार मानीटरिग की व्यवस्था की गई।
दिल्ली की घटना से सतर्क रहे सुरक्षाकर्मी : दिल्ली के रोहिणी कोर्ट परिसर में कैदी की हत्या व पुलिस मुठभेड़ की घटना के बाद मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में सुरक्षाकर्मी सतर्क रहे। मुख्यद्वार से प्रवेश करने वालों व कोर्ट परिसर में घूम रहे लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही थी। कई पुलिस अधिकारी भी सुरक्षा का जायजा लेने कोर्ट परिसर पहुंचे।