BRA बिहार विश्वविद्यालय के पांच पदाधिकारियों को दिखाया गया बाहर का रास्ता, जानिए क्या है कारण... Muzaffarpur News
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पांच पदाधिकारियों को हटा दिया गया है। गैर शैक्षणिक कार्यों में थे लिप्त। प्रोबेशन में थे पांचों पदाधिकारी। जानें क्या है पूरा मामला...
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पांच पदाधिकारियों को हटा दिया गया है। विवि प्रशासन ने इसकी अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी है। हटाए जाने वाले पदाधिकारियों में डिप्टी रजिस्ट्रार टू डॉ.आतिफ रब्बानी, विकास पदाधिकारी डॉ.आशुतोष कुमार, लॉ आफिसर मयंक कपिला, सूचना पदाधिकारी डॉ.एहसान रशीद व पेंशन व यूआइएमएस पदाधिकारी डॉ.भरत भूषण हैं। बताया जाता है कि इन पदाधिकारियों की नियुक्त के विरोध में राजभवन में शिकायत की गई थी।
इस कारण से दिखाया गया बाहर का रास्ता...
राजभवन ने मामले की जांच करने को लेकर कुलपति को आदेश दिया था। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि इन पदाधिकारियों की नियुक्ति स्टैच्यूट के अनुसार नहीं की गई है। इसी को आधार बनाकर इन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। हालांकि, इन पदाधिकारियों को हटाए जाने पर सिंडिकेट के सदस्य सवाल खड़े कर रहे हैं। सिंडिकेट के सदस्यों का कहना है कि पदाधिकारियों को हटाने का पत्र 22 जनवरी को जारी किया गया तो पांच फरवरी को इन्हें पत्र देने का क्या मतलब है। जबकि सीनेट और सिंडिकेट की बैठक में भी ये पदाधिकारी मौजूद थे।
रिक्त पदों पर इनकी हुई नियुक्ति
प्रॉक्टर डॉ.राकेश कुमार सिंह को सूचना पदाधिकारी, यूआइएमएस पदाधिकारी के रूप में पीजी इलेक्ट्रानिक्स के डॉ.ललन कुमार झा, डिप्टी रजिस्ट्रार टू का काम डिप्टी रजिस्ट्रार वन डॉ.उमाशंकर दास और विकास पदाधिकारी का जिम्मा सीसीडीसी डॉ.अमिता शर्मा देखेंगी। साथ ही लॉ आफिसर पीजी अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ.एसके पॉल बनाए गए हैं।
गैर शैक्षणिक कार्यों में रहने की हुई थी शिकायत
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो हटाए गए पांचों पदाधिकारी अभी प्रोबेशन पर थे। साथ ही ये गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे रहते थे। इसी को लेकर राजभवन में शिकायत की गई थी। इसपर संज्ञान लेते हुए राजभवन ने कुलपति को जांच का आदेश दिया था। जांच रिपोर्ट सौंपे जाने पर राजभवन ने इन पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई है।
परीक्षा व अन्य विभागों में की गई कर्मियों की नियुक्ति, तेज होगा कार्य
बीआरएबीयू के परीक्षा विभाग में धीमी गति से हो रहे कार्यों को तेजी से निपटाने के लिए सात कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ये कर्मचारी विवि के ही विभिन्न विभागों में कार्यरत थे। विवि की ओर से जारी पत्र के अनुसार लीगल सेक्शन के राघवेंद्र कुमार, बॉटनी के प्रियरंजन राय, पेंशन विभाग के प्रवीण प्रांजल, भौतिकी के अभय शंकर सिंह, हिंदी विभाग के सिकंदर प्रसाद सिंह, अर्थशास्त्र विभाग के शंभु ठाकुर और अंग्रेजी विभाग के इंद्रसेन कुमार की नियुक्ति विवि के परीक्षा विभाग में की गई है। प्रभारी रजिस्ट्रार ने पत्र जारी कर इन्हें योगदान करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कॉमर्स विभाग के कर्मचारी नलिन कुमार बैरागी को प्रॉक्टर कार्यालय, अर्थशास्त्र विभाग के मो.नेयाज को संस्कृत विभाग और संस्कृत विभाग के अजय कुमार को कुलपति कार्यालय में योगदान देने को कहा गया है।
प्रमाणपत्र फर्जी मिलने पर चार नियोजित शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश
मीनापुर में पदस्थापित चार नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र जांच में फर्जी पाए जाने के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। साथ ही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) स्थापना, अब्दुस्सलाम अंसारी ने मीनापुर प्रखंड विकास पदाधिकारी को इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।
डीपीओ के मुताबिक पिछले वर्ष 10 जून को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से प्रमाणपत्रों की जांच कराई गई थी। इसमें मध्य विद्यालय कोदरिया की शिक्षिका नमिता कुमारी, मध्य विद्यालय हरसेर के मनोज, उत्क्रमित मध्य विद्यालय शीतलपट्टी की ङ्क्षरकी कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगवान छपरा चंदा झा के खिलाफ केस दर्ज करा उनके वेतन मद में दी गई राशि की वापसी हेतु भी कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। वहीं बता दें कि दो दिनों पहले सरैया प्रखंड के विभिन्न प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में पदस्थापित चार नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए थे। उनके खिलाफ भी प्राथमिकी का आदेश दिया गया है।