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Bihar Flood News: मधुबनी में विस्थापित परिवार कर रहे मदद का इंतजार, बोेले- 'घर स जे लाबि सकलियै ताहि स गुजारा चलैत छै'

Madhubani Flood News मधवापुर व बेनीपट्टी प्रखंड के बाढ़ पीडि़तों को एक सप्ताह बाद भी सहायता नहीं। कुछ परिवार एनएच 104 कुछ बांध तो कुछ स्कूलों में लिए हुए हैं शरण।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 05:47 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 05:47 PM (IST)
Bihar Flood News: मधुबनी में विस्थापित परिवार कर रहे मदद का इंतजार, बोेले- 'घर स जे लाबि सकलियै ताहि स गुजारा चलैत छै'
Bihar Flood News: मधुबनी में विस्थापित परिवार कर रहे मदद का इंतजार, बोेले- 'घर स जे लाबि सकलियै ताहि स गुजारा चलैत छै'

मधुबनी [सुनील कुमार मिश्र]। जिले के पश्चिमी क्षेत्र में बाढ़ का तांडव जारी है। पांच सौ से अधिक परिवार विस्थापित होकर सड़क किनारे, स्कूलों और बांध पर शरण लिए हैं। तीन दर्जन से अधिक सड़कें टूट गई हैं। विस्थापितों को सहायता देने पर काम नहीं हो सका है। कहीं भी सामुदायिक किचन शुरू नहीं हुआ है। नाव की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

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 मधवापुर और बेनीपट्टी प्रखंड में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।एक सप्ताह पहले धौंस नदी का बलवा बांध टूटने और बूढऩद तथा रासो नदी का पानी गांवों में घुसने से लगभग पांच सौ परिवार विस्थापित हुए हैं। कुछ एनएच 104 पर तो कुछ प्राथमिक विद्यालय डूमरा, साहरघाट मध्य विद्यालय, बेनीपट्टी के उच्चैठ भगवती स्थान मध्य विद्यालय, बूढऩद नदी पर बने बांध, मध्य विद्यालय बररी सहित अन्य स्थानों पर शरण लिए हैं। कहीं भी सरकारी सहायता नहीं पहुंची है। बररी में कुछ परिवारों को सिर्फ पॉलिथीन शीट दी गई है। भोजन की व्यवस्था नहीं की गई है।

 लालू नगर के एक सौ से अधिक परिवार के साथ एनएच 104 पर शरण लिए जगरूप सहनी कहते हैं कि बाढ़ से घर-परिवार सब उजड़ गया। कहते हैं, भरि पेट अन्न के आफत अछि। जीवन राम कहते हैं कि बाढ़ में जो कुछ हो सका घर से सामान निकाल पाए। आसमान के नीचे रह रहे। जब बारिश होती है तो परेशानी और बढ़ जाती है। यहां शासन-प्रशासन से कोई खोज-खबर लेने नहीं आया। एक सप्ताह हो गया है। लेकिन, न राशन न पानी और न ही कोई अन्य सहायता।

चारों ओर से बाढ़ से घिरे मधवापुर के पिरोखर गांव की हालत तो और भी दयनीय है। नाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग निकल नहीं पा रहे। पूरे प्रखंड क्षेत्र सौ की जगह 28 नावें ही उपलब्ध हैं।

घर स जे लाबि सकलियै ताहि स गुजारा चलैत छै

नवगाछी बांध पर शरण लिए देवसुंदरी देवी, फूलमती देवी कहती हैं कि एखन तक अपना घर स जे लाबि सकलियै ताहि स गुजारा चलैत छै। बाढ़ से पशुओं के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। भूसा बाढ़ में बह गया है। खेत पानी में डूबे हैं। ऐसे में पशुपालक समझ नहीं पा रहे कि चारा कहां से लाएं? सड़क किनारे से घास काटकर खिला रहे हैं।

 अनुमंडल पदाधिकारी, बेनीपट्टी मुकेश रंजन कहते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सीओ को विस्थापितों को चिह्नित कर सहायता पहुंचाने को कहा गया है। भोजन से लेकर अन्य व्यवस्था की जाएगी।


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