चमकी बुखार के 16 मरीज भर्ती, पांच की मौत, भर्ती मरीजों की हालत नाजुक
एसकेएमसीएच में नौ और केजरीवाल अस्पताल में सात मरीज भर्ती। एसकेएमसीएच का पीआइसीयू कक्ष हाउसफुल। एक विस्तर पर दो-दो बच्चे के भर्ती होने से इलाज में हो रही परेशानी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गर्मी व नमी बढऩे के साथ ही संदिग्ध एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानी एईस के मरीजों के आने का सिलसिला तेज हो गया है। एसकेएमसीएच से लेकर केजरीवाल अस्पताल में सुबह से ही मरीज पहुंच रहे हैं। एईएस से मिलते-जुलते लक्षण चमकी-बुखार से पीडि़त बुधवार को 16 मरीज भर्ती हुए। वहीं पांच की मौत हो गई। भर्ती मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है।
अचानक मरीजों की पहुंचने की सूचना पर सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद सिंह व एसीएमओ डॉ. हरेंद्र आलोक, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार केजरीवाल अस्पताल व एसकेएमसीएच पहुंचे तथा मरीजों का हाल चाल लिया।मरीजों की संख्या बढऩे के बाद एसकेएमसीएच में नया वार्ड खोला गया है। केजरीवाल में इलाज के क्रम में मरीज डूमरी मुशहरी निवासी रजिया खातून की मौत हो गई। वहीं एसकेएमसीएच में इलाजरत पूर्वी चम्पारण मधुबन वाजिदपुर की मुन्नी कुमारी, अहियापुर भिखनपुर की स्नेहा कुमारी और सीतामढ़ी बेलसंड के रोनक कुमार की मौत हो गई।
वहीं देर शाम एक निजी अस्पताल से एसकेएमसीएच पहुंचे एक बच्चे की मौत हो गई। सिविल सर्जन डा.शैलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि एसकेएमसीएच से लेकर पीएचसी तक इलाज की व्यवस्था है। आम लोगों से अपील की कि बच्चे को चमकी-बुखार हो तो सीधे सरकारी अस्पताल पहुंचे। धूप से बच्चे को बचाएं, खाली पेट नहीं सोने दें।
वहीं, जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने चमकी बुखार से पांच बच्चों की मौत पर सभी प्रमुख अस्पतालों के अधिकारियों की बैठक गुरुवार को बुलाई है जिसमें एईएस के प्रोटोकॉल पर समीक्षा की जाएगी। बहरहाल, पांच बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमे मेंं खलबली मच गई है। जो मरीज भर्ती है उनके इलाज पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार नजर रखे हुए है।
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