पश्चिम चंपारण में जीविकोपार्जन में अब जीविका समूहों का मछलीपालन भी बनेगा हिस्सा
West Champaran News जल जीवन हरियाली के तहत विकसित जलस्रोतों को जीविका समूहों को किए जाएंगे हवाले सबसे पहले पांच वर्षो के लिए होगा आवंटन फिर पांच-पांच साल के लिए होगा अवधि विस्तार। समूहों को आवंटन पूरी तरह निशुल्क होगा।
बेतिया (पचं), जासं। पर्यावरण संरक्षण में पौधरोपण से लेकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान में अहम भूमिका निभाने वाली जिले की जीविका दीदियों का अब मत्स्यपालन भी कार्यक्षेत्र होगा। यह क्षेत्र उनके जीविकोपार्जन के लिए निर्धारत होगा, जिसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें जल जीवन हरियाली के तहत अब तक विकिसत किए गए पोखरों, जलस्रोतों को विभिन्न समूहों के नाम पर आवंटित किया जाएगा। लेकिन उन्हीं जलस्रोतों व पोखरों का आवंटन होगा, जो पहले से किसी मत्स्यजीवि सहयोग समिति के अधीन नहीं हो या फिर किसी अंचल प्रशासन के द्वारा जलकर के रूप में लगान के आधार पर किसी को नहीं दिया गया हो। इसके तहत स्वतंत्र जलकरों को ही जीविका समूहों को दिया जाएगा। समूहों को आवंटन पूरी तरह निशुल्क होगा। तालाब का आवंटन सबसे पहले जीिवका समूहों को पांच वर्षो तक किया जाएगा, फिर पांच-पांच साल के लिए अवधि का विस्तार किया जाएगा। जलस्रोतों को अपने अधीन लेने के बाद संबंधित समूह को उसमें मछलीपालन के अलावा उसके रख रखाव पर भी ध्यान देना होगा। ताकि जलस्रोत हमेशा जीवंत रह सके।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई कमिटी
इस योजना के तहत जिले में स्वतंत्र जलस्रोतों, पोखरों को चिह्नित करने के लिए जिलाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में कमिटी गठित कर दी गई है। यह कमिटी जलस्रोतों को चिह्नित करने के साथ -साथ उसे जीविका समूहों को देने का काम करेगी। कमिटी में जिलाधिकारी को बध्यक्ष बनाया गया है। जबकि जीविका के जिला प्रबंधक अविनाश कुमार को कमिटी का सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है। वहीं अपर समाहर्ता नंद किशार साह उपाध्यक्ष, तो जिला मत्स्यपालन पदाधिकारी, वन विभाग के डीएफओ तथा नगर इकाई के कार्यपालक पदाधिकारी, को सदस्य के रूप में नाामित किए गए हैं।
जिलाधिकारी ने विभागों से मांगी ऐसे जलकरों की सूची
कमिटी गठित होने के साथ ही जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से स्वतंत्र जलस्रोतों की सूची की मांग की है। इसके लिए एक पखवारे का समय निर्धारित किया गया है। जलस्रोतों की जानकारी मिलने के बाद इसे जिलाधिकारी के निर्देश पर समूहों को आवंटित कर दिया जाएगा।