Journalist Rajdev Ranjan massacre: सीबीआइ निदेशक को पत्र लिखने के बाद पहली सुनवाई आज
लगातार तीन तारीखों से विशेष लोक अभियोजक के अनुपस्थित रहने पर विशेष कोर्ट ने सीबीआइ के निदेशक को लिखा था पत्र। बचाव पक्ष की ओर से भी साक्ष्य बंद करने की दी गई थी अर्जी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की एडीजे-छह राधेश्याम शुक्ल के कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी। लगातार तीन तारीखों से पटना सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक उपस्थित नहीं हो रहे हैं। जिससे गवाही की प्रक्रिया रुकी हुई है। पिछली तारीख को विशेष कोर्ट ने सीबीआइ निदेशक को पत्र लिखा था। उधर बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने एक अर्जी दाखिल की थी। इसमें कोर्ट में सीबीआइ की लगातार अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए साक्ष्य बंद करने की प्रार्थना की थी। अब देखना है कि मंगलवार को सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक कोर्ट में उपस्थित होते हैं या नहीं।
पटना टीम को जिम्मेदारी मिलते आई यह स्थिति
पिछले दिनों सीबीआइ मुख्यालय ने पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में अभियोजन साक्ष्य पेश करने की जिम्मेदारी पटना टीम को सौंपी थी। इससे पहले दिल्ली की टीम साक्ष्य पेश कर रही थी। वह नियमित तौर पर विशेष कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो रही थी। अब तक दस से अधिक गवाह व अन्य साक्ष्य पेश किए थे। पटना टीम को जिम्मेदारी मिलते ही अभियोजन साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया रुक गई। इससे सिवान जेल के तत्कालीन लिपिक आमोद कुमार को बिना गवाही दिए लौटना पड़ा।
यह है मामला
13 मई 2016 की शाम सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार हत्या कर दी गई थी। पुलिस के बाद इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित सात आरोपितों के विरुद्ध सीबीआइ ने कोर्ट में पिछले साल 21 अगस्त को चार्जशीट दाखिल किया था। विशेष सीबीआइ कोर्ट इसे संज्ञान में लेकर सेशन ट्रायल चलाने के लिए जिला जज कोर्ट भेजा था। फिलहाल, इस मामले का सत्र-विचारण (एमपी/एमएलए के मामले) के लिए गठित एडीजे-छह के विशेष कोर्ट में चल रहा है।