पहले कोरोना और अब चुनाव की वजह से इस तरह पटाखा व्यवसायियों की लुटिया डूबी
इस बार हालत बेहद खराब। इम्तेयाज अहमद ने कहा कि कोरोना बाढ़ और चुनाव ने पटाखा व्यवसायी की लुटिया डूबो दी। पिछले दस सालों के अंदर ऐसी दुर्दशा नहीं हुई थी जो इस बार देखने को मिल रहा है। कोरोना काल में शादी-विवाह का मुहूर्त चला गया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर के छाता बाजार में बुधवार को फायर क्रैकर्स वर्कर्स एसोसिएशन के बैनर तले स्थानीय पटाखा व्यवसायियों की एक आवश्यक बैठक हुई। इस बैठक में पटाखा का रोजगजार करने वाले थोक व खुदरा दुकानदारों की वर्तमान परिस्थितियों के कारण आई बदहाली पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर फायर क्रैकर्स वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इम्तेयाज अहमद ने कहा कि पहले कोरोना, फिर बाढ़ और अब अब विधान सभा चुनाव ने पटाखा व्यवसाय की लुटिया डुबोकर रख दी है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस सालों में ऐसी बुरी परिस्थिति कभी नहींं देखने को मिली थी। इस बार के सीजन का पटाखा व्यवसाय इन तीन कारणों से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कोरोना संक्रमण के इस काल में शादी-विवाह का मुहूर्त भी बीत गया। शादी-विवाह को लेकर होने वाला व्यवसाय इस बार पूरी तरह मंदा हो गया। जबकि हर वर्ष इस अवसर के लिए पटाखा व्यवसायी उमीदें लगाए रहते हैं और अधिक संख्या में अपनी दुकान में पटाखा सामग्री बिक्री के लिए जमा किए रहते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। दीपावली-छठ के मौके पर भी पटाखे की बिक्री की इस बार कम ही उम्मीद दिखती है।
गाडिय़ां बंद होने के कारण बाहर के ट्रांसपोर्ट में माल फंसा है। व्यवसायियों का दर्द है कि 18 फीसद जीएसटी सहित अन्य कर मिलाकर 23 फीसद सरकार को कर भर चुके, लेकिन दूसरी तरफ पटाखों की बिक्री ना के बराबर ही है। अब उनका कहना है कि ग्राहकों को अपने कमाई में से आठ फीसद की छूट देकर सरकार को कम से कम टैक्स दे देंगे। इससे कम से कम उनका लाइसेंस तो बचा रहेगा। इस बैठक में मो. चांद, दिलशाद अहमद, खालिद अहमद, दीपनारायण साह, शकील, रामेश्वर प्रसाद, श्याम कुमार गुप्ता, साधु, अब्दुल रहमान, शाहनवाज अहमद, चंदन कुमार, विनोद कुमार, गणेश साह, विश्वदीप कुमार सहित अन्य पटाखा व्यवसायी उपस्थित थे।