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एक ओर आग से घिरी बूढ़ी मां थी तो दूसरी ओर लाखों के सामान, बेटों ने लिया यह फैसला

दरभंगा के मनीगाछी में शॉर्ट सर्किट से लगी आग से लाखों की संपत्ति राख। बेटों ने जान पर खेलकर जलती रजाई के नीचे से मां को सुरक्षित निकाला।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 11:01 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 11:01 PM (IST)
एक ओर आग से घिरी बूढ़ी मां थी तो दूसरी ओर लाखों के सामान, बेटों ने लिया यह फैसला
एक ओर आग से घिरी बूढ़ी मां थी तो दूसरी ओर लाखों के सामान, बेटों ने लिया यह फैसला

दरभंगा, जेएनएन : दरभंगा जिला अंतर्गत मनीगाछी के बलौर गांव में सोमवार की सुबह उदय शंकर कर्ण के घर में आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि अंदर सो रहे उदयशंकर कर्ण की नींद खुल गई। एक-एक कर सभी सदस्य घर से बाहर आ गए। तब तक आग ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था। अचानक उदय को दूसरे कमरे में सो रहीं 90 वर्षीया वृद्ध मां का ख्याल आया। जो चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। वहीं दूसरे कमरे में पड़ी लाखों की जरूरी चीजों की ओर आग की चपटें तेजी से बढ़ रही थीं। ऐसे मे बेटों के सामने धर्म संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई गई।

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कुछ क्षण के लिए तो मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया। समय बहुत कम था। किसी एक को चुनो तो दूसरे से हाथ धोओ। बेटों ने जान पर खेलकर मां को बचाने का फैसला लिया। लाखों के जरूरी सामान को जलने के लिए छोड़ आग से घिर चुके कमरे में दाखिल हुए। चलने में असमर्थ मां जल रही रजाई के नीचे सो रही थी।

हरिशंकर कर्ण ने जलती हुई रजाई के नीचे से अपनी मां को गोद में उठाया और सुरक्षित घर से बाहर निकाला। वृद्धा को घर से बाहर निकाले जाने तक अफरातफरी मची रही। हर किसी की सांसें अटकी थीं। क्या होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता था।

ऐसी आशंका है कि घर में बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। लपटें इतनी तेज थीं कि घर के अंदर ट्रंक में रखे कपड़े, टीवी, पंखा एवं अन्य सामान के साथ-साथ छप्पर जलकर खाक हो गया। हादसे में घर के अंदर अकेली सोई 90 वर्षीया बुजुर्ग जानकी देवी बाल बाल बच गई। उदय शंकर कर्ण ने बताया कि सुबह करीब 3 बजे तेज आवाज आने लगी। इससे नींद खुली। कमरे से बाहर निकला तो पाया कि बगल के कमरे की छप्पर से आग की लपटें उठ रही हैं। छप्पर में लगी बांस के फटने से जोरदार आवाज आ रही थी। हादसे को देख शोर मचाया तो पड़ोस के लोग पहुंचे। इसके बाद ही मां को सुरक्षित निकालने का फैसला लिया। उनको सुरक्षित देख उपस्थित सभी लोगों ने राहत की सांस ली। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने किसी तरह आग को काबू में किया। बलौर पंचायत के पूर्व मुखिया बैकुंठ झा उर्फ पप्पू झा, दयानंद दास, कुमुद कुमार रंजन, सुमन कुमार दास, डॉ सतीश चंद्र दास, रामप्रकाश यादव उर्फ लालटून, मोहम्मद इस्लाम सहित कई ग्रामीणों ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। साथ ही वृद्ध मां को सुरक्षित कमरा से बाहर निकालने के वास्ते उदय शंकर कर्ण एवं उनके भाई की सराहना की।


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