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अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत 49 पर दर्ज प्राथमिकी असत्य, फाइनल रिपोर्ट समर्पित Muzaffarpur News

उन्मादी हिंसा को लेकर पीएम को पत्र लिखने पर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के परिवाद पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी। जांच में मामले को पाया गया असत्य। केस कराने वाले पर कार्रवाई की अनुशंसा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 06:19 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:19 PM (IST)
अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत 49 पर दर्ज प्राथमिकी असत्य, फाइनल रिपोर्ट समर्पित Muzaffarpur News
अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत 49 पर दर्ज प्राथमिकी असत्य, फाइनल रिपोर्ट समर्पित Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उन्मादी हिंसा को लेकर पीएम को पत्र लिखने में अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत 49 फिल्मी कलाकारों और बुद्धिजीवियों के खिलाफ सदर थाने में दर्ज केस को असत्य बताते हुए कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट समर्पित किया गया है। जांच अधिकारी द्वारा फाइनल रिपोर्ट में गलत केस कराने वाले वादी के विरुद्ध 182/211 के तहत कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई है। अब मामला कोर्ट में विचाराधीन हो गया है। कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर, अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने प्रतिशोध की भावना में किए गए पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए न्यायिक या केंद्रीय जांच ब्यूरो से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। 

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 बता दें कि अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा 27 जुलाई को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) एसके तिवारी के कोर्ट में दर्ज परिवाद की सुनवाई के बाद सदर थानाध्यक्ष को केस दर्ज कर मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। मामले में अभिनेत्री सेन के अलावा अडूर गोपाल कृष्णन, शुभा दुग्गल, सुमित्रा चटर्जी, रेवती, कोंकणा सेन, श्याम बेनेगल, मणिरत्म व इतिहासकार रामचंद्र गुहा आदि को आरोपित किया गया था।

 परिवाद में अधिवक्ता ने कहा था कि 23 जुलाई को आरोपित 49 बुद्धिजीवियों ने देश में हो रही उन्मादी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। आरोपितों का यह काम देश की छवि की खराब करने वाला वाला है। प्रधानमंत्री केकाम करने की छवि को बदनाम करने की नीयत से यह पत्र लिखा गया है। पत्र लेखकों की मंशा देश को टुकड़े- टुकड़े करना एवं वैमनस्यता फैलाना है।

 प्राथमिकी दर्ज होने के बाद एसएसपी मनोज कुमार ने इसका पर्यवेक्षण रिपोर्ट जारी किया। जिसमें उन्होंने साक्ष्य का अभाव बताते हुए मामले को असत्य बताया। रिपोर्ट में जांच अधिकारी को साक्ष्य की कमी में प्राथमिकी को असत्य बताते हुए फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित करने का निर्देश दिया था। इसके आलोक में सदर पुलिस ने शनिवार को फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित किया। 


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