प्रति व्यक्ति चाहिए 40 लीटर पानी, एक चापाकल के भरोसे 50 परिवार
10 फीट की जगह कहीं-कहीं 30 फीट नीचे पहुंचा भू-जल स्तर। 30 हजार परिवारों में ही जलसंकट कबूल रहा पीएचईडी। एक चापाकल से 250 लोग पानी पीने को विवश।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पेयजल उपलब्धता की स्थिति बिगड़ती जा रही है। भू-जल स्तर लगातार नीचे लुढ़क रहा है। कल तक 10 फीट रहने वाला भू-जल स्तर कहीं-कहीं अब 30 फीट तक नीचे चला गया है। स्वाभाविक है लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। प्रति व्यक्ति के हिसाब से 40 लीटर पानी चाहिए मगर, चापाकलों के साथ पीएचईडी भी यह डिमांड पूरा करने में हांफ रहा है। विभाग का कहना है कि 50 परिवारों पर एक तथा एक वार्ड में तीन चापाकल देने का दावा किया जा रहा है। जिले की कुल आबादी तकरीबन 48 लाख है। जिसमें 8 लाख परिवार निवास करता है। 18 से 20 पंचायतों में पानी की घोर किल्लत है। इन इलाकों में एक चापाकल से 250 लोग पानी पीने को विवश हैं।
सबमर्सिबल भी पानी देने में हांफ रहे, निगम का नल ही सहारा
नगर निगम क्षेत्र में 24 इलाकों में पानी का संकट सामने आया है। इसमें अखाड़ाघाट रोड स्थित बालूघाट इलाके में वार्ड नंबर-17 में गुरुवार को हमने जलसंकट का जायजा लिया। कई चापाकल खराब मिले तो कई सूखा। पूर्व वार्ड पार्षद रेखा देवी के आवास पर लगा हैंडपाइप अर्से से खराब पड़ा है। उनके आवास के बाहरी हिस्से में ही एक नल लगा हुआ है जिसपर पानी के बर्तन लाइन में लगे दिखाई पड़े। हमने छोटे से एक बच्चे नमन के हाथों में पानी का बोतल देखकर सवाल किया। वह उल्टे सवाल कर बैठा-'अंकल-अंकल! आपको नहीं पता है समय पर पानी नहीं मिल पा रहा।
पास में खड़ी रोमिता श्रीवास्तव, स्नेहा, आदर्श, लक्ष्य, छोटू, मितांश, गोल्डी कुमारी सबने टका-सा जवाब दिया। कहने लगे, गांवों में ताल-तलैया सब सूख गए हैं तो शहर में चापाकलों ने भी जवाब दे दिया है। पास की महिलाएं कंचन श्रीवास्तव, नेहा वर्मा, पुष्पा रानी ने कहा कि हमारे यहां सबमर्सिबल है बावजूद पानी नहीं चढ़ पा रहा है। जिससे निगम के जलापूर्ति पर निर्भरता है। सुबह-शाम दो वक्त पानी आता है जिससे लाइन लगाकर पानी लेना पड़ता है।
अभी त्राहिमाम की स्थिति नहीं : अधीक्षण अभियंता
अधीक्षण अभियंता सुधेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि अभी त्राहिमाम की स्थिति नहीं है। सरकार से जो मदद मिलनी चाहिए वह मिल रही है। हमलोग प्रभावित पंचायतों तक सुविधा मुहैया करा भी रहे हैं। हमारे हिसाब से 18 पंचायतों के लगभग 30 हजार परिवार पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। कहीं-कहीं भू-जलस्तर 25 से 30 फीट नीचे गया है।
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