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    बिहार के सीमावर्ती जिलाें में नेपाल से फिर शुरू हुई उर्वरक की तस्करी, अं‍कुश लगाने को विशेष टीम का गठन

    By Ajit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2022 11:42 AM (IST)

    Muzaffarpur News खुली सीमा का फायदा उठा रहे तस्कर यूरिया व डीएपी पर प्रति बोरी सौ से लेकर तीन सौ रुपये का फायदा। खाद दुकानदारों की मिलीभगत से चल रहा धंधा खरीफ फसलों की बोआई के साथ गन्नेे के लिए जरूरत।

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    बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में उर्वरक के तस्कर सक्रिय। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    मुजफ्फरपुर, जासं। हर साल की तरह इस बार भी खरीफ फसलों की रोपाई-बुआई के साथ गन्नेे के लिए उर्वरकों की मांग के बीच नेपाल सीमा से यूरिया व डीएपी की तस्करी होने लगी है। खुली सीमा का लाभ उठाते हुए तस्कर ग्रामीण रास्तों से आसानी से साइकिल पर खाद लादकर नेपाल पहुंचा रहे हैं। उन्हें सौ से लेकर तीन सौ रुपये प्रति बोरी तक का फायदा मिलता है। मधुबनी जिले के जयनगर, हरलाखी, मधवापुर, लदनियां, लौकही व बासोपट्टी प्रखंड तथा पूर्वी चंपारण के सीमावर्ती रक्सौल, आदापुर, छौड़ादानो प्रखंड के ग्रामीण रास्तों से खाद की तस्करी हो रही है। सीतामढ़ी और पश्चिम चंपारण के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी तस्कर सक्रिय हैं। तस्कर भारतीय क्षेत्र में 350 से 400 रुपये में यूरिया की एक बोरी खरीदकर नेपाल में 450 से 500 में बेच रहे हैं। 12 सौ रुपये वाली डीएपी की बोरी के लिए वहां 1400 से 1500 रुपये मिल रहे। कमाई के लालच में तस्कर प्रतिदिन साइकिल से चार-पांच फेरे लगाते हैं। एक खेप में वे तीन बोरियां ले जाते हैं। उनका आवागमन ग्रामीण रास्तों से होता है, इसलिए वे प्राय: पकड़ में नहीं आते हैं।

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    इस तरह तरह चलता धंधा

    सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय किसानों को पैक्स और निबंधित दुकानों से खाद मिलती है। किसान कभी-कभी आवश्यकता से अधिक उर्वरक का उठाव करते हैं। उसे नेपाल के रिश्तेदारों को उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा खाद दुकानदारों के पास किसानों के आधार कार्ड की फोटो कापी रहती है, जिसपर उर्वरक का आवंटन कर तस्करों के हाथों बिक्री करते हैं। तस्करों के तार पूर्वी और पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय से भी जुड़े हैं। वे भारी मात्रा में उर्वरक लाकर गुप्त गोदामों में रख मोटी कमाई करते हैं।

    पकड़े जाने पर कर दिया हमला

    सीमा की सुरक्षा के साथ तस्करी रोकने के लिए एसएसबी के जवान मुस्तैद रहते हैं। वे वाहनों की जांच करते हैं। बीते शनिवार को ही पश्चिम चंपारण जिले में सिकटा से नेपाल ले जा रहे यूरिया और डीएपी की पांच बोरियां किसानों ने रोक ली थीं। उसे एसएसबी को सौंप दिया गया था। इससे पांच दिन पहले पूर्वी चंपारण के आदापुर में नेपाल की महिला तस्करों व एसएसबी जवानों से झड़प हुई थी। पकड़ी गई एक महिला के पास से चार बोरी खाद बरामद हुई थी, जबकि चार तस्कर भाग निकलीं। एसडीओ आरती कुमारी (रक्सौल, पूर्वी चंपारण) ने कहा कि, खाद तस्करी पर अंकुश लगाने और कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष टीम का गठन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में एसएसबी और सीमावर्ती थानों से समन्वय स्थापित कर कार्य कर रहे हैं।