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महिला बंदी ने पीएम को लिखा पत्र, केंद्रीय कारा में होता यौन शोषण

हरकत में आया प्रधानमंत्री कार्यालय सरकार से मांगी रिपोर्ट। डीएम ने डीपीओ की अध्यक्षता में जांच के लिए बनाई पांच सदस्यीय टीम।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 07:26 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 04:30 AM (IST)
महिला बंदी ने पीएम को लिखा पत्र, केंद्रीय कारा में होता यौन शोषण
महिला बंदी ने पीएम को लिखा पत्र, केंद्रीय कारा में होता यौन शोषण

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा की एक महिला बंदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर सनसनी फैला दी है। इस पत्र में उसने कहा है कि जेल में महिला बंदियों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। पदाधिकारियों व राइटर (बंदी) के साथ संबंध नहीं बनाने पर महिला बंदी पर अत्याचार किया जाता है।

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 वहीं, जो महिला बंदी समर्पण कर देतीं उन्हें मोबाइल से बात करने समेत अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। महिला बंदी के इस पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय हरकत में आ गया है। सेक्शन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार मंडल ने राज्य के मुख्य सचिव व डीएम से मामले की रिपोर्ट मांगी है। इसके आलोक में डीएम आलोक रंजन घोष ने पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।

देर रात महिला खंड से बंदियों को निकाला जाता

पत्र में महिला बंदी ने कहा कि राइटर को खुली छूट दे दी गई है। वे देर रात महिला खंड में आते हैं। जबकि सभी कैदियों को शाम छह बजे ही अंदर कर दिया जाता। मगर, राइटर को देर रात तक बाहर रहने की छूट रहती। उनके साथ महिला बंदी को देर रात बाहर भेज दिया जाता। इसके बाद उसका शारीरिक शोषण किया जाता है।

खाना तक कर दिया जाता बंद

 बेटी के साथ केंद्रीय कारा में बंद महिला बंदी के अनुसार पदाधिकारियों व राइटर के साथ संबंध बनाने का विरोध करने पर खाना बंद कर दिया जाता। कोई न कोई आरोप लगाकर पिटवाया जाता। जेल की तीन महिला सिपाहियों के नाम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ये ही दबाव डालती हैं। चार मार्च को इसमें से ही एक महिला सिपाही ने उसकी बेटी को जेल के पदाधिकारी के साथ संबंध बनाने का दबाव डाला। विरोध करने पर उसकी इतनी पिटाई की गई कि वह बेहोश हो गई।

महिला आयोग समेत अन्य पदाधिकारियों को भी भेजे गए पत्र

प्रधानमंत्री के अलावा महिला बंदी ने महिला आयोग, मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव व जेल आइजी को भी पत्र भेजे हैं।

जांच टीम में ये हैं शामिल

डीएम ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आइसीडीएस) ललिता सिंह की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई है। उनके अलावा टीम में मुशहरी ग्रामीण की सीडीपीओ मंजू कुमारी, महिला विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक मो. गौस अली, वरीय उपसमाहर्ता प्रतिभा सिन्हा व महिला हेल्पलाइन की परामर्शी पूर्णिमा कुमारी शामिल हैं। डीएम ने महिला बंदी के पत्र में अंकित तथ्यों पर बिंदुवार जांच करने को कहा है। महिला बंदी का भी अलग से बयान लेने को कहा गया है।

शेल्टर होम की घटना से जिला पहले ही शर्मसार

महिला बंदी की शिकायत में अगर थोड़ी भी सच्चाई निकली तो जिले के लिए यह एक और शर्मनाक घटना होगी। क्योंकि, बालिका गृह में संवासिनों के साथ यौन उत्पीडऩ की घटना ने देश-विदेश तक जिले की छवि को तार-तार कर दिया है।


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