मुजफ्फरपुर शहर में भारी जलजमाव की आशंका, क्यूआरटी का गठन
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने क्विक रिसपांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया है। इस टीम में कनीय अभियंता पवन कुमार एवं राज कुमार पासवान नगर प्रबंधक ओम प्रकाश बहलखाना प्रभारी राम लला शर्मा एवं सफाई प्रभारी कमल किशोर को रखा है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। चक्रवाती यास के दौरान शहर में भारी जलजमाव की संभावना है। जल जमाव से लोगों को अत्यधिक परेशानी हो सकती है। इससे निपटने के लिए नगर निगम ने तैयारी की है। मंगलवार को नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने क्विक रिसपांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया है। इस टीम में कनीय अभियंता पवन कुमार एवं राज कुमार पासवान, नगर प्रबंधक ओम प्रकाश, बहलखाना प्रभारी राम लला शर्मा एवं सफाई प्रभारी कमल किशोर को रखा है। क्यूआरटी अनुमंडल स्तर पर गठित नियंत्रण कक्ष के संपर्क में रहेगी तथा जल-जमाव के ङ्क्षबदु पर अनुश्रवण करते हुए प्रत्येक दो घंटे पर कैफियत प्रतिवेदन देगी। साथ ही नगर निगम के सभी वार्ड जमादारों एवं अंचल निरीक्षकों को भी हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
औद्योगिक क्षेत्र में मानसून पूर्व बारिश से जलजमाव
मुजफ्फरपुर : मानसून पूर्व बारिश में ही बेला औद्योगिक परिसर में हुए जलजमाव से उद्यमी ङ्क्षचतित हैं। पिछले साल इससे तबाह उद्यमी इस बार उत्पादन नहीं करने का मन बना रहे हैं। उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष शिवनाथ गुप्ता ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। मई से ही यहां पानी लगना शुरू हो गया है। शिकायत के बाद भी सफाई इंतजामों को नजरअंदाज कर दिया गया। इससे उद्यमियों में आक्रोश है। संघ के महासचिव विक्रम कुमार उर्फ विक्की, वरीय उद्यमी शशांक श्रीवास्तव व अवनीश किशोर ने कहा कि जलजमाव से निजात के लिए नाला निर्माण का काम होना था वह जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा। बियाडा प्रशासन भी इस पर ध्यान नहीं दे रहा। अगर यहीं हालत रही तो मजदूरों के सामने संकट होगा। इसलिए अविलंब इसपर बियाडा प्रशासन ध्यान दे। युवा उद्यमी अवनीश किशोर ने कहा कि हालत यह है कि गोदामों को खाली करा रहे हैं। मशीनों को ऊंची जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जरूरत के अनुसार कच्चा माल मंगाया जा रहा है। नुकसान के बचने के लिए तैयार सामान के स्टॉक में भी कम कर दिया गया है। औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर सड़कें डूब चुकी हैं। पानी बढ़ता जा रहा है। कुछ दिनों में पानी फैक्ट्रियों में प्रवेश कर जाएगा। नुकसान से बचने के लिए तैयार माल को दूसरी जगह पर शिफ्ट करना पड़ेगा।