Sitamarhi : खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को तीन साल नहीं मिलेगा सरकारी लाभ
Bihar News कृषि विभाग के निदेशक आदेश तितरमारे ने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक जिले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय अंतर विभागीय कार्य समूह का गठन किया गया है। जिसके सदस्य सचिव जिला कृषि पदाधिकारी हैं।
सीतामढ़ी, जासं । फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग, बिहार के सचिव एन श्रवण कुमार ने सीतामढ़ी सहित बिहार के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में कृषि विभाग के निदेशक आदेश तितरमारे ने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक जिले के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय अंतर विभागीय कार्य समूह का गठन किया गया है। जिसके सदस्य सचिव जिला कृषि पदाधिकारी हैं। वर्ष में दो बार खरीफ एवं रबी फसल कटनी के पूर्व इस समूह की बैठक होनी है।
इस समूह के कार्य में खरीफ एवं रबी फसल कटनी के पश्चात खेतों में अवशेष पराली को जलाने से रोकना भी है। उन्होंने कहा कि फसल कटनी के लिए जब से कंबाइंड हार्वेस्टर का प्रयोग बढ़ा है तब से कृषकों द्वारा फसल अवशेष को खेत में जलाने की प्रवृत्ति विकसित हुई है, जो मिट्टी की उर्वरकता एवं पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह है। यह समस्या पहले शाहाबाद क्षेत्र में उत्पन्न हुई और अब धीरे-धीरे पटना, सारण होते हुए राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई है।
कृषि विभाग ने अब कंबाइड हार्वेस्टर को चलाने के लिए उसके मालिक/ ड्राइवर को अपने जिलाधिकारी से पास लेना अनिवार्य कर दिया है। और उन्हें पास इस शर्त के साथ दिया जाएगा कि जिन खेतों में वह फसल कटनी करेंगे, उन खेतों में फसल अवशेष (पराली) नहीं जलाया जाएगा। यदि उन खेतों में फसल अवशेष जलाने की सूचना मिलेगी तो उनके पास रद्द कर दिए जाएंगे। बिना पास का कोई भी कंबाइंड हार्वेस्टर नहीं चलेगा।
साथी ही जिन किसान द्वारा अपने क्षेत्र में पराली जलाया जाएगा उन किसानों का कृषि विभाग के (डीबीटी) प्रत्यक्ष लाभ अंतरण पोर्टेल पर 3 साल तक के लिए पंजीकरण से वंचित कर दिया जाएगा।
- फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से की बैठक
-कंबाइंड हार्वेस्टर चलाने के लिए लेना होगा जिला पास, खेत में पराली जलाने से मिट्टी की घटती उर्वरा शक्ति