पंजाब-हरियाणा से आए बिचौलिए सक्रिय, सस्ते में बिक रहा धान
जिले में 30 फीसद तक अ'छी गुणवत्ता का धान होने की संभावना है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में पंजाब व हरियाणा से आए बिचौलिए यहां 1200 से 1300 रुपये तक प्रति क्िवटल की दर पर किसानों से धान खरीद रहे हैं। वहीं, सरकारी रेट प्रति क्िवटल 1700 व 1770 रुपये है। रबी फसल व पर्व को लेकर किसानों को सस्ते में धान बेचना पड़ा है।
ये है किसानों का दर्द
प्रसिद्ध किसान भोलानाथ झा का कहना है कि धान की खेती इस बार किसानों के लिए बेहद घाटे का सौदा रही है। एक बीघा जमीन में अधिकतम 2.5 क्िवटल धान पैदा हुआ है। इसकी कीमत बाजार में अभी 3500 रुपये है, जबकि खर्च सात से आठ हजार रुपये प्रति बीघा हुआ है। उनका कहना है कि पैक्सों में भी अच्छे धान को भी मानक के अनुरूप नहीं मानकर बिचौलिए के हाथों में बिक्री के लिए विवश किया जाता है।
कुढ़नी के केरमा गांव के राम पुकार सिंह व जुगल राय का कहना है कि रबी फसल के तहत गेहूं व आलू की बोआई करनी थी। ऐसे में सस्ते में नहीं बेचते तो बुआई का खर्च कहां से लाते। ये दर्द एक दो का नहीं, बल्कि हजारों किसानों का है।
एक नजर में स्थिति व समस्याएं
- जिले में 70 फीसद धान की कटाई संभावित, जिसमें मात्र 30 फीसद धान की गुणवत्ता संतोषजनक है।
- कम बारिश के कारण अभी तक कटे धान में 40 फीसद बर्बाद हुआ।
- धान कटाई के लिए लेबर की समस्या हुई। इससे भी खराब व काले पड़े धान को हटाया नहीं जा पा रहा। जिले में 200 पंचायतों का चयन धान अधिप्राप्ति के लिए हो गया है। इसके लिए ऑनलाइन रजिस्टर्ड किसानों को ही धान बिक्री का अधिकार है।
ललन कुमार शर्मा
जिला सहकारिता पदाधिकारी
विभाग की उदासीनता के चलते धान अधिप्राप्ति में विलंब हो रहा है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में आम किसानों को जानकारी नहीं है। प्रखंडों में सहकारिता पदाधिकारी गायब रहते हैं। इसके लिए जिला सहकारिता विभाग को चुस्त रहने की जरूरत है।
संतोष कुमार, अध्यक्ष
जदयू किसान प्रकोष्ठ, मुजफ्फरपुर