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जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को किसानों ने बनाया बंधक, जानिए वजह

11 फरवरी से विभाग के कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना की सूचना पर उन्हें मनाने जल संसाधन के अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया। करीब पांच घंटे तक अधिकारी बंधक बने रहे। इसके बादवरीय अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए और उन्हें मुक्त किया।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 10:11 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 10:11 PM (IST)
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को किसानों ने बनाया बंधक, जानिए वजह
अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने अधिकारियों बंधक बनाया। जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं ।  प्रखंड क्षेत्र के चांद पराना गांव के किसान अधिग्रहित भूमि का मुआवजा नहीं मिलने से आक्रोशित हैैं। 11 फरवरी से विभाग के कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना की सूचना पर उन्हें मनाने जल संसाधन के अधिकारी रविवार को पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया। करीब पांच घंटे तक अधिकारी बंधक बने रहे। इसके बाद लिखित देने और विभाग के वरीय अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए और उन्हें मुक्त किया। बताते चलें कि 40 वर्ष पूर्व चांद पराना गांव में 105 किसानों की करीब 69 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर उस पर बांध बनाया गया था। उक्त अधिग्रहित भूमि का मुआवजा किसानों को अब तक नहीं मिल सका है। कई बार धरना प्रदर्शन हुआ, लेकिन कोरा आश्वासन ही उन्हें मिला। इस मामले में मुख्यमंत्री के आदेश को भी अधिकारियों ने ताख पर रखकर मनमानी की। मजबूर होकर किसान जब विभाग के अधिकारियों से मिलने गए तो उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। यही नहीं धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया।

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किसानों ने विभाग के कार्यालय पर 11 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना देने का आवेदन डीएम, एसएसपी व विभाग के कार्यपालक अभियंता को दिया। इसकी सूचना पर विभाग के अधिकारी किसानों को समझाने और धरना प्रदर्शन नहीं करने के लिए मनाने उनके गांव पहुंचे थे। इसी क्रम में आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया। कनीय अभियंता ने बंधक बनाए जाने की बात से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुआवजे के भुगतान की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही आदेश मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा। 

  • 40 वर्ष पूर्व चांद पराना गांव में 105 किसानों की भूमि की गई थी अधिग्रहित
  • 69 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर उस पर बनाया गया था बांध
  • अब तक किसानों को अधिग्रहित भूमि का नहीं मिल सका मुआवजा
  • 11 फरवरी से विभाग के कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए भेजा था पत्र
  • 05 घंटे के बाद वरीय अधिकारियों के आश्वासन पर शांत हुए किसान, बंधकों को किया मुक्त
  • आक्रोशित किसानों को मनाने के लिए गांव पहुंचे थे जल संसाधन विभाग के अधिकारी

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