Bihar: मुजफ्फरपुर में झोलाछाप ने गर्भाशय निकालने में काट दी मूत्र की नली, OT में चौकी पर लिटा कर किया आपरेशन
मुजफ्फरपुर में एक झोलाछाप ने महिला के गर्भाशय के आपरेशन के दौरान पेशाब की नली काट दी। आपरेशन के बाद से महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल समस्तीपुर के निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
सकरा (मुजफ्फरपुर), जागरण संवाददाता। गर्भाशय के आपरेशन के दौरान श्रीद्धि सेवा सदन नामक नर्सिंग होम में झोलाछाप द्वारा बरियारपुर ओपी क्षेत्र के बहादुरपुर गांव की पिंकी कुमारी (25) की मूत्र नली काट दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। आपरेशन के बाद से महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। फिलहाल समस्तीपुर के निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
पिंकी की मां देवंती देवी ने बरियारपुर ओपी में प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है। नर्सिंग होम बंद कर संचालक राकेश कुमार फरार है। सकरा प्रखंड में यह नर्सिंग होम बीते दिनों सुनीता की दोनों किडनी निकालने वाले क्लीनिक से मात्र 50 कदम दूर है।
23 दिसंबर को हुआ था आपरेशन
देवंती देवी ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा है कि पुत्री पिंकी की तबीयत खराब थी। पिछले साल दिसंबर में इलाज के लिए उसे बरियारपुर स्थित श्रीद्धि सेवा सदन में ले जाया गया। बंध्याकरण के लिए अस्पताल के डाक्टर से बात की। डाक्टर ने सकरा स्थित महारानी अल्ट्रासाउंड केंद्र में पेट की जांच कराई। बताया कि गर्भाशय में इंफेक्शन है। दवा के बाद ठीक हो जाएगा। एक सप्ताह दवा खिलाने के बाद फिर जांच कराई तो बताया कि गर्भाशय में पस आ गया है। आपरेशन करना जरूरी है।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डा. यूसी शर्मा ने बताया कि सकरा रेफरल अस्पताल के प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई है। वहां पर इस तरह की घटना बार-बार होना लापरवाही का प्रतीक है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी। इसके साथ ही सीएचसी प्रभारी हर माह स्थानीय थानाध्यक्ष और प्रखंड विकास पदाधिकारी के सहयोग से निबंधित व गैर निबंधित नर्सिंग होम की पड़ताल करेंगे। इसकी रिपोर्ट देंगे। गैर निबंधित नर्सिंग होम पर प्राथमिकी कराई जाए।
ऑपरेशन थिएटर में चौकी पर लिटा कर निकाला गर्भाशय
बरियारपुर थाना क्षेत्र के एक किलोमीटर दूरी पर स्थित मुर्गी फार्म चौक से पूरब सबहा रोड बरियारपुर में स्थित धर्मेंद्र शर्मा के मकान में चल रहे शिद्धि सेवा सदन के बोर्ड पर भले ही नेम फेम वाले डॉक्टर का नाम लिखा हो, लेकिन यहां काम झोलाछाप के द्वारा ही किया था । बोर्ड पर जनरल सर्जन डॉक्टर मनीष कुमार और डॉक्टर आरके रवि जनरल फिजिशियन का नाम लिखा होता था, जिसे देख मरीज अपना इलाज कराने के लिए आते थे।
सामने के शटर लगी हुई दुकान में कुछ दवा रखी जाती थी, लेकिन ऑपरेशन के लिए राकेश धर्मेंद्र शर्मा के मकान में दो कमरा अलग से ले रखा थ, जिसमें वह खुद बड़े-बड़े ऑपरेशन करने का काम करता था। महज मैट्रिक पास राकेश के पास न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई टेक्निशियन आता था। हैरत की बात तो यह है कि बगैर कोई सुविधा के खाली चौकी पर लेटा कर महिलाओं के गर्भाशय से लेकर बंध्याकरण तक का ऑपरेशन वह करता था।