बाढ़ के कारण अंकपत्र पाना मुहाल, नामांकन में हो रही परशानी
सर स्कूल पानी में डूबा हुआ है। घर के चारों ओर भी पानी ही पानी है। सड़क के डिवाइडर पर खुले आकाश के नीचे किसी तरह रात गुजार रहे हैं।
मुजफ्फरपुर। सर, स्कूल पानी में डूबा हुआ है। घर के चारों ओर भी पानी ही पानी है। सड़क के डिवाइडर पर खुले आकाश के नीचे किसी तरह रात गुजार रहे हैं। मैट्रिक के आगे पढ़ाई जारी रखनी है। लेकिन इंटर में 12 अगस्त तक ही नामांकन होना है। ऐसे में हम पढ़ाई से वंचित हो जाएंगे। कोई विकल्प दिया जाए ताकि हमलोगों का नामांकन हो सके। कुछ इस तरह सकरा प्रखंड के बरियारपुर में बाढ़ से घिरे हर्ष ने अपना दर्द साझा किया। कहा कि नामांकन के लिए अप्लाई किए हुए थे। मेरिट लिस्ट में आरडीएस कॉलेज में नाम भी आ गया है। लेकिन, स्कूल बघनगरी में है। गांव से निकलने का कोई विकल्प नहीं है और न स्कूल से अंकपत्र लाने का। पानी के कारण स्कूल भी बंद है। बरियारपुर के ही गुड्डु, मंतोष, किशन, गुड़िया, नेहा समेत करीब जिले के 2000 से अधिक छात्र-छात्राओं पर इंटर में नामांकन से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा है। इनके पास संसाधन नहीं हैं कि किसी तरह मुख्यालय पहुंचें। इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त स्कूल के बच्चों के लिए विभाग की ओर से अबतक कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया है। विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा जा रहा है कि इन विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र जमा करने के लिए कुछ दिनों के लिए रियायत दी जाए। विद्यार्थी नामांकन से वंचित नहीं हों इसको लेकर प्रयास हो रहा है। बता दें कि मुरौल में बाढ़ आने के कारण पास के सकरा प्रखंड समेत सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इन इलाकों में दर्जनों स्कूलों में पानी भरा हुआ है इस कारण इन स्कूलों के विद्यार्थियों का प्रमाणपत्र अभी जिला मुख्यालय में ही है।