Constable recruitment exam : पूर्व में भी बाहरी मदद से नकल की कोशिश में गिरफ्तार हुए परीक्षार्थी
Constable recruitment exam विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करते परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी के बाद बड़े रैकेट का संदेह। पुलिस की जांच चल रही शिथिल।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिला स्कूल केंद्र से ब्लूटूथ के जरिए नकल करते गिरफ्तार हुए परीक्षार्थी धनंजय की घटना ने पूर्व में भी जिले में कई केंद्रों से प्रतियोगी परीक्षाओं में हाईटेक तरीके से नकल करते गिरफ्तार हुए परीक्षार्थियों की घटनाओं की याद ताजा कर दी है। गत दिनों सदर थाना क्षेत्र के सुस्ता माधोपुर स्थित एक कॉलेज के परीक्षा केंद्र पर एसएससी की परीक्षा में मुन्नाभाई अरविंद कुमार को दबोचा गया था। वह जहानाबाद के मालीचक का रहने वाला था। वह वास्तविक परीक्षार्थी मुनमुन तिवारी की जगह परीक्षा दे रहा था।
15 हजार में हुआ सौदा
अरविंद ने बताया कि पटना में पढऩे के दौरान उसकी पहचान मुनमुन से हुई। इसके बाद उसने परीक्षा में बैठकर पास कराने के लिए उससे 15 हजार में सौदा तय किया। फिर सौदा के मुताबिक परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने को आ गया। हालांकि फोटो मिलान के दौरान वह पकड़ा गया।
पटना से जुड़े रैकेट के तार
पूछताछ में पता चला है कि रविवार को जिला स्कूल केंद्र से पकड़े गए धनंजय का भी पटना के रैकेट से तार जुड़ा है। उससे पूछताछ में कई बातों की जानकारी मिली है, जिसके आधार पर मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि उसकी निशानदेही पर अन्य संलिप्तों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
दारोगा बहाली में भी पकड़ा गया था नकलची
गत दिनों हुई दारोगा बहाली की परीक्षा में शिवहर के एक बिजली ऑपरेटर अजय कुमार को पकड़ा गया था। जांच में पता चला कि मुखर्जी सेमिनरी स्कूल केंद्र पर श्रवण नामक परीक्षार्थी परीक्षा के दौरान सवालों की तस्वीर खींचकर अजय कुमार के वाट्सएप पर वह भेज रहा था। दोनों पकड़ लिए गए थे।
बड़ा सिंडिकेट कर रहा काम
प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने में बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है। पूर्व में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। लेकिन, जांच में शिथिलता की वजह से मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पूर्व में नालंदा और पटना के शातिरों की जानकारी पुलिस को मिली थी। लेकिन, आगे कार्रवाई नहीं हुई।