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सीतामढ़ी के रीगा में दोहरे हत्याकांड से हर कोई सन्न, गम व गुस्से में लोग

सीतामढ़ी में डबल मर्डर की घटना के बाद गांव में गमगीन माहौल। लोगों की शिकायत-पूर्व में हुई मारपीट में पुलिस गंभीर हुई रहती तो शायद नहीं जाती पिता-पुत्र की जान। अब पुलिस कर रही मामले की जांच पड़ताल।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 11:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 11:23 PM (IST)
सीतामढ़ी के रीगा में दोहरे हत्याकांड से हर कोई सन्न, गम व गुस्से में लोग
डबल मर्डर की घटना के बाद रोते बिलखते स्‍वजन। फोटो-जागरण

सीतामढ़ी, जासं।  सीतामढ़ी के रीगा थाना क्षेत्र अंतर्गत रीगा द्वितीय पंचायत के पिपरा गांव वार्ड-3 में गुरुवार देर रात दोहरे हत्याकांड से सनसनी फैल गई है। स्थानीय लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि महावीरी झंडे के दौरान विवाद में हुई मारपीट में अगर पुलिस गंभीर हुई रहती तो शायद ये नौबत नहीं आती।

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मामूली बात पर विवाद

स्थानीय लोगों ने गुमनामी की शर्त पर बताया कि महावीरी झंडा के दौरान आरोपी पिपरा गांव के नागेंद्र दास के पुत्र उदय कुमार दास शराब के नशे में धुत्त होकर पिपरा चौक पर पूजा के दौरान हल्ला हंगामा कर रहा था। सूचना मिलने पर उसके घर के लोगों ने ही पकड़कर उसको लाया। रात बीतने के बाद सुबह में जब वह निकला तो वह पड़ोसी नारायणदास के बकरे को मारने लगा था। रोकने पर दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। जिसमें उदय जख्मी हो गया था। स्थानीय अस्पताल में उसका इलाज हुआ। उसके बाद उसने थाने पर इस बात की लिखित शिकायत भी की थी, मगर पुलिस ने उसकी शिकायती आवेदन को अनसुना कर दिया। उसी खुन्नस में उसने अपने साथ मारपीट करने के आरोपी पिता-पुत्र के साथ बर्बरता दिखाई। दोनों को चाकू गोदकर मौत के घाट उतार दिया। गांव के लोग यह भी बता रहे हैं कि कुछ साल पहले स्थानीय थानाध्यक्ष सुभाष मुखिया को लोगों ने महावीरी झंडे के दौरान पीट डाला था।

आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी

महावीरी झंडे को शांंतिपूर्ण संपन्न कराना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम न थी। इसी कारण झंडे के दौरान पुलिस व प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए जाते रहे हैं। लोगों ने यह भी बताया कि इस दोहरे हत्याकांड के बाद पहुंची पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई घरों में छापेमारी की। यहां तक की रीगा प्रथम पंचायत में भी पुलिस ने छापा मारा। पुलिस को इस बात की भनक थी कि कुछ आरोपी उस पंचायत में जाकर छुप गए हैं। गांव के लोगों का कहना है कि इस हत्याकांड में दोषियों को नहीं बख्शा जाना चाहिए, लेकिन निर्दोषों को भी नहीं घसीटा जाना चाहिए। एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार का कहना है कि पूरी छानबीन के बाद ही गिरफ्तारी की गई है। निर्दोषों को फंसाने का सवाल ही नहीं उठता। चाकू मारने का मुख्य आरोपी उदय कुमार दास व लखिंद्र दास फरार हैं। जबकि इस मामले में उदय के भाई सुभाष दास, पिता नागेंद्र दास, चाचा हरेंद्र दास, उदय का दोस्त दिनेश सिंह, हंसराज दास को गिरफ्तार किया गया है।


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