अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी कमजोर नहीं पड़े सब्जियों के तेवर, प्याज अर्धशतक के पार तो आलू उसके करीब
धीरे-धीरे थालियों से गुम होती जा रहीं सब्जियां। सितबंर के अंतिम सप्ताह में हुई तेज बारिश ने अगात फूलगोभी के अलावा टमाटर के पौधों को भी नष्ट कर दिया। लगता है कि इलाके में सब्जियों का टोटा नए साल के आरंभ तक बना रहेगा।
मधुबनी, जेएनएन। त्योहारी मौसम शुरू होते ही सब्जियों की कीमतें आसमान की ओर उड़ान भरने लगी हैं। प्रखंड के हाटबजारों में अभी आलू चालीस रुपए और प्याज साठ रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। बैगन के तेवर थोड़े नरम जरूर हुए हैं। किंतु अभी भी आमलोगों की पहुंच से दूर नजर आ रहा है इसका दाम अस्सी रुपए से घटकर साठ रुपए प्रति किलो पर आ गया है। नवरात्र के कारण प्याज की मांग घटी है।
नवरात्र और छठ के बीच प्याज के दाम में बढ़ोतरी थोडी धीमी रफ्तार से संभावित है। किंतु इसके बाद यह आम खरीदारों को आठ-आंसू रुलाएगी इसकी प्रबल संभावना है। सितंबर के अंत -अंत तक देशभर में हुई निरन्तर बारिश के कारण नासिक आदि जगहों से प्याज के आवक में कभी स्वाभाविक है। प्रखंड के मोगलहा, भोलापुर, वीरपुर तथा ललमनियां आदि सब्जी उत्पादक गांवों से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से दोनवारीहाट आढ़त में फूलगोभी की अगात फसल आनी शुरू हो जाती थी जो इसबार नहीं संभव है। सितबंर के अंतिम सप्ताह में हुई तेज बारिश ने अगात फूलगोभी के अलावा टमाटर के पौधों को भी नष्ट कर दिया। लगता है कि इलाके में सब्जियों का टोटा नए साल के आरंभ तक बना रहेगा। लोग सरकार द्वारा आलू तथा प्याज की आपूर्ति बढ़ाकर इनकी कीमतों में नरमी की उम्मीद कर रहे हैं।