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BRA Bihar University : फेल होने के बाद भी इस रूप में बिहार विवि के विद्यार्थियों को मिलेगा मौका

BRA Bihar University सप्लीमेंट्री परीक्षा शुरू करने को लेकर कुलसचिव सह परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार प्रस्ताव बना रहे हैं। कुलपति के आदेश के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू होगी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 09:31 AM (IST)
BRA Bihar University : फेल होने के बाद भी इस रूप में बिहार विवि के विद्यार्थियों को मिलेगा मौका
BRA Bihar University : फेल होने के बाद भी इस रूप में बिहार विवि के विद्यार्थियों को मिलेगा मौका

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में फेल होने पर विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री से पास होने का मौका मिलेगा। इससे विद्यार्थियों को एक साल तक अगली परीक्षा के लिए इंतजार नहीं करना होगा। साथ ही सत्र भी पीछे नहीं होगा। सप्लीमेंट्री परीक्षा शुरू करने को लेकर कुलसचिव सह परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार प्रस्ताव बना रहे हैं। कुलपति के आदेश और लॉकडाउन समाप्त होने के बाद इसकी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। विवि के सभी निकायों से मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा। सप्लीमेंट्री लागू होने के बाद एक या दो पेपर में फेल होने पर प्रमोट कर अगली कक्षा में चले जाने का सिस्टम बंद हो जाएगा।

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महीने भर के भीतर सप्लीमेंट्री परीक्षा

कुलसचिव कहा कि अगर छात्र फेल होते हैं उनके लिए महीने भर के भीतर सप्लीमेंट्री परीक्षा कराई जाएगी। इसका रिजल्ट तुरंत दे दिया जाएगा। यह सप्लीमेंट्री परीक्षा पास होने पर छात्र अगले कक्षा में जा सकेंगे। बताया कि प्रमोटेड सिस्टम खत्म होने से सत्र को नियमित करने में सुविधा होगी। दरअसल, इस वक्त स्नातक पार्ट-वन व टू में प्रमोटेड होने के बाद अंडरटेकिंग देकर छात्रों को फाइनल ईयर पार्ट-थ्री की परीक्षा में शामिल कराया जाता है। इसके रिजल्ट में समय लगता है। सप्लीमेंट्री परीक्षा होने से छात्रों को भी फायदा होगा।

इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक मार्किंग पैटर्न शुरू करने की मांग

सूबे के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज इंटरनल एसेसमेंट के मार्किंग पैटर्न के लिए अलग-अलग पैटर्न पर काम करते हैं। ऐसे में इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक मार्किंग पैटर्न शुरू करने को लेकर मांग उठ रही है। एक मार्किंग पैटर्न को लेकर एमआइटी की ओर से डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को प्रस्ताव दिया गया है। इसमें राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए एक स्केल बनाए जाने की बात कही गई है।

इंटरनल एसेसमेंट कॉलेज के स्तर पर

आमतौर पर 100 अंकों के पेपर में 70 अंकों की थ्योरी के लिए एक्सटर्नल परीक्षा विवि की ओर से कराई जाती है। बाकी 30 अंकों को इंटरनल एसेसमेंट कॉलेज के स्तर से होता है। इसमें 20 अंको का क्लास टेस्ट होता है। एसाइनमेंट व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर 5-5 अंक दिए जाते हैं। एमआइटी की ओर से इंटरनल एसेसमेंट के लिए रेशनलाइजेशन पॉलिसी बनाए जाने की मांग की गई है। परीक्षा के दौरान कदाचार को रोकने के लिए इंटरनल से लेकर एक्सटर्नल दोनों ही तरह की परीक्षाओं में डीएसटी की ओर से औचक निरीक्षण हो। इसके अलावा राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित करने की जरूरत है। 


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