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सरकार की तमाम घोषणाओं के बाद भी बगहा में किसानों को राहत नहीं

West champaran news यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान। 270 रुपये के बदले चार सौ रुपये प्रति बोरा खरीदने की विवशता। धान का बीज अधिक से अधिक मूल्‍य पर खरीद के बाद अब क‍िसानोंं को यूर‍िया के ल‍िए फजीहत।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 07:50 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 07:50 PM (IST)
सरकार की तमाम घोषणाओं के बाद भी बगहा में किसानों को राहत नहीं
पश्‍च‍िम चंपारण के बगहा में यूर‍िया के ल‍िए क‍िसान परेशान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पश्‍च‍िम चंपारण (बगहा),जासं। किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने व उनको आर्थिक रूप से मजबूत करने की तमाम घोषणाएं सरकार द्वारा की जाती है। लेकिन, साकार नहीं होती हैं। किसान अपने फसल बेचने या बोआई के समय खाद या बीज के लिए भागदौड़ करता है। उस समय उसकी कोई नहीं सुनता है। आज धान की बीज व यूरिया के लिए किसान मारे मारे फिर रहे हैं। धान के बीज अधिक से अधिक कीमत पर बाजार की दुकानों में उपलब्ध है, लेकिन उस पर कोई प्रमाणिकता नहीं है। खरीदने से पहले पचास बार सोचने के बाद भी किसान के मन में यह शंका बनी रहती है कि बीज असली है नकली। इसकी फसल कैसी होगी, उपज कैसी होगी आदि तमाम तमाम प्रश्नों के झंझावातों में डूबते उतराते किसान जैसे धान की बोआई कर लेता है।

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किसान भवन में धान की बीज लेने के लिए तमाम नियम व कानून बताए जा रहे हैं। उसमें भी मन माफिक बीज उपलब्ध नहीं हो रहा है। मात्र दो से तीन प्रकार की बीज उपलब्ध होने के साथ खरीदने में भी कई औपचारिकता पूरी करने की समस्या बनी हुई है। जबकि बाजार में दर्जनों प्रकार के बीज उपलब्ध है।

किसानों ने कहा

  •  बनकटवा के संतोष कुमार स‍िंह ने कहा कि उनके खेत में बिचड़ा के लिए तैयारी है। ऐसे में जब तक खेत में यूरिया नहीं दी जाएगी। तब तक बीज देना उचित नहीं है। वहीं गन्ना की खेती में स‍िंचाई के बाद यूरिया देना निहायत ही आवश्यक है। जबकि उसकी उपलब्धता नहीं है।
  •  दमदपुरवा के बाबूराम यादव ने कहा कि बिस्कोमान गोदाम में खाद आने ओर समाप्त होने में समय ही नहीं लगता है साथ ही वहां लाइन में लगने के बाद अपना नंबर आने से पहले ही समाप्त हो जाता है। और बाजार में खाद खरीदने पर कई प्रकार के कीटनाशक लेने की विवशता है।
  •  राजद के प्रदेश महासचिव सुरेंद्र यादव ने कहा कि सरकार किसानों के लिए सिर्फ घोषणाएं करती हैं। खरीफ का समय आ गया गन्ना, मकई और धान की खेती में यूरिया की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए सरकार को पहले ही पर्याप्त मात्रा में यूरिया आदि खाद उपलब्ध करा देना चाहिए।

-- प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशांक नवल ने कहा कि बिस्कोमान से भी मांग किया गया है साथ ही क्षेत्र के विक्रेताओं के लिए भी पर्याप्त मात्रा में खाद की मांग विभाग से की गई है। जल्द ही उपलब्ध होने की संभावना है।


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