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मेडिकल कॉलेज की स्थापना से खुलेंगे विकास के रास्ते, शुरू हुआ निर्माण कार्य Samastipur News

मुख्यमंत्री ने 591.77 करोड़ की लागत से बननेवाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का किया शिलान्यास। नरघोघी के श्रीरामजानकी मठ की जमीन पर शुरू हुआ निर्माण कार्य।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:43 AM (IST)
मेडिकल कॉलेज की स्थापना से खुलेंगे विकास के रास्ते, शुरू हुआ निर्माण कार्य Samastipur News
मेडिकल कॉलेज की स्थापना से खुलेंगे विकास के रास्ते, शुरू हुआ निर्माण कार्य Samastipur News

समस्तीपुर [अजय पांडेय]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमारी सरकार सबके लिए कार्य कर रही है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले के विकास के रास्ते खुलेंगे। सड़क व्यवस्था बेहतर होगी। यह तो हमारी सरकार के मुख्य एजेंडे में है। 

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वे बुधवार को जिले के सरायरंजन प्रखंड के नरघोघी में श्रीरामजानकी चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल के भवन निर्माण कार्य के शिलान्यास सह कार्यारंभ समारोह पर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। कहा कि नरघोघी के श्रीरामजानकी मठ की जमीन पर 591.77 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य होना है। मुख्यमंत्री ने जमीन उपलब्ध कराने के लिए ननरघोघी रामजानकी मठ समिति के सदस्यों का आभार जताया। 

 कहा कि सरायरंजन में मेडिकल कॉलेज खुलना गर्व की बात है। यह हमारे दूसरे कार्यकाल के प्लान का हिस्सा था। हमलोग केंद्र में थे, अटलजी की सरकार थी। तभी हमलोगों ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण का निर्णय लिया था। लेकिन, समस्तीपुर में जमीन की समस्या के कारण निर्माण कार्य लटका रहा। वर्ष 2012 में यह निर्णय हुआ। इस योजना में केंद्र का भी सहयोग मिल रहा है।

 591.77 करोड़ की राशि में 113.40 करोड़ केंद्र से मिलेगी। अब सरायरंजन में यह बन रहा तो कुछ लोगों को दिक्कत हो रही है। बहुत कुछ बोल रहे हैं। कह रहे कि अस्पताल समस्तीपुर में क्यों नहीं बन रहा? अरे भाई, सरायरंजन समस्तीपुर में नहीं तो क्या बेगूसराय या दरभंगा में है? मधुबनी में है क्या? ऐसी बातें बेतुकी हैं। कांग्रेस और आरजेडी के विधायक विरोध कर रहे हैं। हमारी पार्टी के एक विधायक का भी बयान आया है। उनसे पूछेंगे, क्या बयान दिए हैं? समस्तीपुर का मतलब पूरा जिला होता है। यह पूरे जिले के विकास की बात है। इसमें तो कोई विरोध होना ही नहीं चाहिए।

 

अस्पताल का निर्माण धर्म का काम होता है। इसमें भी लोग विरोध कर रहे हैं। विरोध भी किस बात का, ये तो साल 2012 का फैसला है। इस पर तो बहुत पहले काम शुरू हो जाना चाहिए था। अब हो रहा है? क्यों नहीं तब जमीन उपलब्ध करा दी गई। तब लोग क्या कर रहे थे। कांग्रेस की सरकार में कितने मेडिकल कॉलेज खुले। पंद्रह साल पति-पत्नी का राज रहा, क्यों नहीं खुला। 

बेटियों की शिक्षा पर ध्यान दिया

हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। हर पंचायत में उच्च विद्यालय की स्थापना हो रही है। जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पहले बिहार की प्रजनन दर सर्वाधिक थी। इसे भी नियंत्रित करने का तरीका निकाला। सरकार ने बेटियों की शिक्षा पर ध्यान दिया। उनके लिए मैट्रिक और इंटरमीडिएट तक की शिक्षा को अनिवार्य किया। उन्हें सुशिक्षित किया। इसका कई प्रकार से लाभ मिला। हमारा उद्देश्य है देश के साथ बिहार का विकास हो।

समस्तीपुर कृषि के लिए आदर्श जगह

नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन को ङ्क्षचताजनक बताते हुए कहा कि राज्य में बाढ़, सूखा और फिर बाढ़ की स्थिति रही। समय पर बारिश नहीं हो रही। इससे किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है। लेकिन, सरकार काम कर रही है। हम जल-जीवन-हरियाली पर काम कर रहे हैं। जल और हरियाली है, तभी जीवन है। इस अभियान के तहत सार्वजनिक कुओंं का जीर्णोद्धार हो रहा है। हमें भूजल स्तर की ङ्क्षचता करनी है। पानी के संकट को खत्म करना है। इसी उपक्रम के तहत गंगा के पानी को गया पहुंचाने की कोशिश हो रही है। सूबे में हरित आवरण के लिए काम हो रहा है। समस्तीपुर कृषि के लिए आदर्श जगह है। मौसम अनुकूल काम हो रहा है। 

प्रदूषण सबसे बड़ी चिंता का विषय 

प्रदूषण हमारे लिए ङ्क्षचता का विषय है। पटना, मुजफ्फरपुर, गया सब जगह प्रदूषण। इसके उन्मूलन के लिए भी पहल हो रही है। खेतों में पराली मत जलाइए। लोगों के कहे में मत आइए। इससे प्रदूषण के साथ खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म होती है। फसल अवशेष के लिए सरकार सहायता दे रही है। पर्यावरण का ख्याल रखें। पेड़ काटें नहीं, बल्कि लगाएं। 

मौके रहे मौजूद

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज, राजसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर, मंत्री बीमा भारती आदि रहे। 


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