बायोडीजल से चली ट्रेन से ईधन बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण भी
संभवत: भारतीय रेल में पहली बार बी-25 (25 प्रतिशत) बायोडीजल के इस्तेमाल का ट्रायल समस्तीपुर जंक्शन से हुआ।
मुजफ्फरपुर। संभवत: भारतीय रेल में पहली बार बी-25 (25 प्रतिशत) बायोडीजल के इस्तेमाल का ट्रायल समस्तीपुर जंक्शन से हुआ।
पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने मंगलवार को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। बायोडीजल आधारित लोकोमोटिव का फील्ड परीक्षण समस्तीपुर में किया गया। इसके लिए लोको (16655 डब्ल्यूडीएम3ए) में 25 प्रतिशत बायो डीजल मिश्रित किया गया। ट्रायल समस्तीपुर से जयनगर के लिए परिचालित होने वाली सवारी ट्रेन ( 55513) के साथ की गई। नई दिल्ली के आइआरओएएफ एवं लखनऊ के आरडीएसओ से अधिकृत एवं स्वीकृति बाद ट्रायल डीजल लोको शेड की गहन निगरानी में किया गया। इंजन को फूल-माला से सजाकर निकाला गया। इसपर फ्लेक्स के जरिए बायोडीजल से चलाए जाने का डिस्प्ले किया गया था। ट्रेन के जंक्शन पर पहुंचने पर यात्रियों की उत्सुकता बढ़ गई। यांत्रिक विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं ईंधन की बचत के लिए बायोडीजल युक्त ईंधन का सफल प्रयोग किया गया है। पूमरे के महाप्रबंधक ने कहा कि इसकी सफलता भारत को भविष्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होगा। रेल प्रशासन का प्रयास न्यूनतम प्रदूषण से अधिकतम ट्रेन परिचालन है। रेलवे पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका के लिए कटिबद्ध है। स्वच्छ भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए स्वच्छता पखवारा के दौरान बायोडीजल का प्रयोग करना समस्तीपुर मंडल का महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा। अभी तो यह समस्तीपुर मंडल में शुरुआत है। आने वाले दिनों में पर्यावरण को बचाने के साथ ही अन्य जगहों पर भी बायोडीजल ट्रेन चलाया जा सकता है। इसको लेकर रेलवे में काफी उत्सुकता है।