बारिश में खराब हुई बिजली व्यवस्था 36 घंटे बाद भी बेपटरी
लगातार चार दिनों की लगातार बारिश में खराब हुई कई इलाकों की बिजली अबतक पटरी पर नहीं लौट सकी है। अहियापुर में पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हुए सात पोल की जगह नया लगा दिया गया। लेकिन कार्य में बिजली बंद होने से आमजनों को रविवार को भी भारी परेशानी हुई।
मुजफ्फरपुर। लगातार चार दिनों की लगातार बारिश में खराब हुई कई इलाकों की बिजली अबतक पटरी पर नहीं लौट सकी है। अहियापुर में पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हुए सात पोल की जगह नया लगा दिया गया। लेकिन, कार्य में बिजली बंद होने से आमजनों को रविवार को भी भारी परेशानी हुई। हीरानगर दामोदरपुर में सुबह सात बजे गई बिजली तीन घंटे बाद लौटी। इलाके में रह रहे कुछ बीमार लोगों को बिजली बिना काफी परेशानी हुई। राजद जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि मीनापुर प्रखंड के अलीनेउरा में बिजली मिस्त्री की मनमानी के कारण पिछले पांच दिनों से बिजली बाधित है। अधिकारियों से शिकायत की गई है। अहियापुर में भिखनपुर मेडिकल कॉलेज के समीप सुबह गई बिजली चार घंटे बाद भी वापस नहीं आई। मोटर नहीं चलने से इलाके के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ा।
विद्युतकर्मियों को दशहरा से पहले करें सभी तरह का भुगतान : बिहार-झारखंड राज्य विद्युत परिषद फील्ड कामगार यूनियन (सीटू) की बैठक कार्यालय में हुई। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से दशहरा से पहले सभी तरह के बोनस भुगतान की मांग की गई। यूनियन के महासचिव अमरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने कहा कि विद्युत विभाग में कार्यरत तकनीकी कíमयों का ओवरटाइम, वर्दी भत्ता, बोनस आदि बकाया है। तकनीकी लेखा, पत्राचार, भंडार, कनीय अभियंता, काíमक, विधि, प्रधान, आप्त सचिव आदि संवर्गो, आंतरिक नियुक्ति के पदों को भरने, महिला कíमयों की समस्या का समाधान करने तथा यूनियन के साथ ऊर्जा विभाग के सीएमडी से वार्ता करने की अपील की गई। मुजफ्फरपुर अंचल सचिव राजेश कुमार ने कहा कि ऑफिसर वेलफेयर स्कीम (ओडब्ल्यूएस) की राशि दो लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने तथा सामुदायिक भवन का आवंटन शीघ्र प्रारंभ करें। अध्यक्षता मधुसूदन प्रसाद सिन्हा व संचालन राजीव रंजन कुमार ने किया। बैठक में रणधीर प्रसाद सिंह, पद्मनाभ राजन, एसटी आलम, संजीत मिश्रा, एमएम सिंह, रजनीश कुमार, सुनील कुमार, सत्येंद्र कुमार शाही आदि थे। इस दौरान पिछली बैठक की समीक्षा भी हुई। तय किया गया कि प्रत्येक विद्युत कर्मी को यूनियन का सदस्य बनाना है और अभियान चलाकर संगठन को मजबूत करना है।
निजीकरण का विरोध : विद्युत अधिनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधन को वापस लेने तथा विद्युत कंपनियों के निजीकरण के प्रयास का विरोध प्रस्ताव पारित किया गया।