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मेंटेनेंस व मॉनीटरिंग की कमी से बिजली आपूर्ति बनी समस्या Muzaffarpur News

खबड़ा बोचहां सहित अन्य पावर स्टेशनों में लगे कई इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण खराब। सब स्टेशन का ब्रेकर बाइपास कर्मचारियों के लिए खतरनाक। जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भगवान भरोसे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 02:02 PM (IST)
मेंटेनेंस व मॉनीटरिंग की कमी से बिजली आपूर्ति बनी समस्या Muzaffarpur News
मेंटेनेंस व मॉनीटरिंग की कमी से बिजली आपूर्ति बनी समस्या Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भगवान भरोसे है। मेंटेनेंस के अभाव में अधिकांश विद्युत पावर सब स्टेशन की हालत काफी जर्जर हो चली है। भिखनपुरा, खबड़ा, बोचहां, गायघाट सहित अन्य पावर स्टेशनों में लगे कई इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बाइपास पर चल रहे हैं। पावर सब स्टेशनों में लगे ब्रेकर को बदलने में विद्युत अधिकारी कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे। इससे विद्युत कर्मियों के साथ आम लोगों के लिए हमेशा खतरा बना हुआ है।

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 बोचहां पावर सब स्टेशन में पिछले छह महीने से ब्रेकर उड़ा हुआ है। बाइपास से चलाया जा रहा है। लाइन कटने पर भी पावर सब स्टेशन से बिजली नहीं कटती। तार में विद्युत प्रवाह बना रहता है। नरमा गांव में पिछले दिनों तार टूटकर गिर गया था। उसमें करंट प्रवाहित हो रहा था, इसके कारण दो दिनों तक किसान डर के मारे अपने खेत की ओर नहीं गए। 

 जबकि अन्य राज्यों में मानसून से पहले विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर मेंटेनेंस का काम किया जा रहा है। मुजफ्फरपुर में विद्युत अधिकारियों की मॉनीटरिंग सही नहीं रहने से विद्युत आपूर्ति चरमरा गई है। दस दिन पहले आंधी-पानी में बिजली के तार-पोल टूटकर गिर गए। नरमा, मीनापुर इलाके में अब तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में करीब 70 पोल ध्वस्त हैं, कछुए की गति से काम चलने के कारण गर्मी में बिजली के बिना लोग बेहाल हैं।

जानमाल के साथ ट्रांसफॉर्मर पर खतरा

विद्युत पावर सब स्टेशन में 33 केवीए और 11 केवीए के ब्रेकर लगे होते हैं। पावर ट्रांसफार्मर के आगे ब्रेकर लगाए जाते हैं ताकि 33 या 11 केवीए की लाइन में किसी तरह का फाल्ट आने पर पावर ट्रांसफार्मर को किसी तरह कोई नुकसान नहीं हो। ट्रांसफार्मर अपने आप ऑटो ट्रिप हो जाए। लेकिन जब ब्रेकर खराब रहता है तो, आंधी-पानी के दौरान तार टूटने पर लाइन नहीं कटती। विद्युत प्रवाहित बिजली तार के संपर्क में आने से बिजली कर्मियों के साथ आम लोगों तथा पशु हादसे के शिकार हो रहे हैं। ब्रेकर लग जाने से इस तरह की जानमाल की हानि नहीं होती। पेड़ की टहनी या पत्ता भी अगर तार के संपर्क में आता है तो ट्रांसफार्मर ऑटो ट्रिप हो जाएगा।

खबड़ा-कांटी की आपूर्ति 12 घंटे रही बंद

एमआरटी की टीम ने खबड़ा-कांटी फीडर के बाइपास हो चले ब्रेकर को काफी ठीक करने का प्रयास किया। लेकिन मंगलवार की शाम तक सही नहीं हो सका। इसको लेकर खबड़ा-कांटी की आपूर्ति सुबह सात से शाम चार बजे तक बंद रही। इसके कारण गर्मी में दर्जनों गांव के लोग कूलर, पंखे, एसी नहीं चलने से परेशान हो गए।

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