सीतामढ़ी के सुरसंड में एक तो जर्जर बिजली तार, दूजा मकड़जाल से रहता खतरा
विभााग और जनप्रतिनिधि सब बेपरवाही में दिख रहे हैं। सुरसंड के तमाम गली-मोहल्लों में ये नजारा आम है। नगर पंचायत के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में लटकते तारों का उलझन देख कलेजा कांप उठता है। Sitamarhi news Electric common people
सीतामढ़ी [ हचंद्रकिशोर सक्सेना ] । राजा सुरसेन की नगरी सुरसंड में चौबीसों घंटे सिर पर मौत का साया रहता है। एक तो जर्जर बिजली तार, दूजा तारों की मकड़जाल से खतरा बना रहता है। आम लोग सांसत में हैं। विभग और जनप्रतिनिधि सब बेपरवाही में दिख रहे हैं। सुरसंड के तमाम गली-मोहल्लों में ये नजारा आम है। नगर पंचायत के अंतर्गत शहरी क्षेत्र में लटकते तारों का उलझन देख कलेजा कांप उठता है। यहां वर्षो पहले गाड़े गए बिजली के पोल और उसपर लटकते तार उचित देखरेख के अभाव में हादसे का सबब बना है। शायद ही कोई ऐसा मोहल्ला होगा जहां यह स्थिति नहीं हो। महादलित बस्ती, पासवान टोला, बाजार, मदरसा रोड चौक सहित दर्जनों मोहल्ले ऐसे हैं, जहां जर्जर बिजली के तार लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
आश्वासनों और कागजी कार्रवाई में गुजरा जा रहा वक्त
60 के दशक में ये पोल गाड़े गए, जो अब क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बघारी गांव सहित लगभग आधा दर्जन ऐसे प्वाइंट हैं जहां जैसे-तैसे पोल व तार दौड़ा दिए गए हैं। यहां थोड़ी-सी लापरवाही आम लोगों एवं घर वालों के लिए खतरे का सबब बन जाती है। कई हादसे हो चुके हैं। कितनों की जान चली गई। बावजूद, प्रशासन तमाशबीन बना है। हल्के फाॅल्ट से शॉर्ट सर्किट और फिर पोल में करंट दौड़ जाती है। घरों के उपर से बिजली के तार झुलते हैं। घर वालों से थोड़ी भी चूक हुई तो उनकी जान पर बन आती है। घर वाले विभागीय अधिकारियों से आरजू-मिन्नत करते रहते हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं होती। उधर, विभागीय अधिकारियों की दलील है कि व्यवस्था में सुधार के लिए प्रयास चल रहे हैं। जर्जर तार बदले जा रहे हैं, क्षतिग्रस्त बिजली के खंभों को रिप्लेस करके नए गाड़े जा रहे हैं। लटकते हुए तारों को बदलने की कार्रवाई भी की जा रही है। मगर, हालात कब बदलेंगे यह कहना मुश्किल है। सिर्फ आश्वासनों और कागजी कार्रवाई में वक्त गुजरा जा रहा है।