मुजफ्फरपुर दत्तकग्रहण संस्थान के दस में से आठ बच्चे कुपोषित
जिले में आश्रयगृह को अनुदान के नामपर लाखों रुपये मिलते हैं मगर इससे सरकार के उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती। ताजा उदाहरण खबड़ा स्थित विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान का है। साल में 15 से 18 लाख का अनुदान प्राप्त करने वाले इस संस्थान में महज दस बच्चे आवासित हैं।
मुजफ्फरपुर। जिले में आश्रयगृह को अनुदान के नामपर लाखों रुपये मिलते हैं, मगर इससे सरकार के उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती। ताजा उदाहरण खबड़ा स्थित विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान का है। साल में 15 से 18 लाख का अनुदान प्राप्त करने वाले इस संस्थान में महज दस बच्चे आवासित हैं। इनमें से आठ बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर नहीं है। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिलीप कुमार कामत एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी के निरीक्षण में मामला सामने आया है। उन्होंने डीएम प्रणव कुमार समेत अन्य पदाधिकारियों को भी निरीक्षण रिपोर्ट भेजी है।
निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त संस्थान में दस बच्चे आवासित हैं। निरीक्षण के समय दो बीमार बच्चों को चिकित्सक के पास ले जाया गया था। वहीं आठ में से तीन बच्चे अतिकुपोषित पाए गए। इतनी ही संख्या के बच्चे कुपोषित मिले। सहायक निदेशक ने गृह के सभी कर्मियों का अवकाश तत्काल रद कर दिया है। ये कर्मी अपनी साप्ताहिक अवकाश ही ले सकेंगे। नहीं आते चिकित्सक : निरीक्षण में यह बात भी सामने आई कि यहां प्रतिनियुक्त चिकित्सक नियमित रूप से नहीं आते। इस कारण बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाता। उन्होंने इसके लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। इसमें नियमित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक शिशु रोग विशेषज्ञ की प्रतिनियुक्ति कराने का आग्रह किया गया है। गृह की सुरक्षा पर भी उठाया सवाल : गृह के पिछले निरीक्षण में यहां बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था में खामी पाई गई थी। इसे देखते हुए विभिन्न जगहों पर 15 दिनों में ग्रिल लगाने का निर्देश दिया गया था। जुलाई में दिए गए निर्देश का पालन नहीं किया गया। गृह के संचालक को एक सप्ताह में ग्रिल लगाने का निर्देश दिया गया। ऐसा नहीं करने की स्थिति में संस्था को अन्य सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित करने को कहा गया।
वृहत आश्रय गृह के ऊपर से गुजर रहा 33 हजार वोल्ट के तार मुजफ्फरपुर : पदाधिकारियों ने मुशहरी के नरौली में बन रहे वृहत आश्रय गृह का भी जायजा लिया। यहां पाया गया कि आश्रय गृह के ऊपर से 33 एवं 11 हजार वोल्ट के तार गुजर रहे। उन्होंने भविष्य में यहां रहने वाली संवासिनों के लिए इसे खतरनाक बताया। हाईटेंशन तार हटाने को लेकर उन्होंने विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा है।