दीघरा कांड: आठ और आरोपितों को सीजेएम कोर्ट से मिली जमानत, उग्र प्रदर्शन को लेकर 54 लोगों पर हुई थी प्राथमिकी
Dighra case दीघरा कांंड को लेकर एनएच जाम कर उग्र प्रदर्शन करने के मामले में मुशहरी सीओ ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी। कुल 54 आरोपितों में अब तब 16 को मिली जमानत। जानें किन-किन को मिली जमानत ।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दीघरा कांंड को लेकर एनएच जाम कर विरोध प्रदर्शन करने मामले में आठ और आरोपितों को सीजेएम मुकेश कुमार ने जमानत दे दी है। इससे पहले शुक्रवार को कथित अपहृत किशोरी के पिता सहित नौ आरोपितों को जमानत मिली थी। शनिवार को जमानत पाने वालों में अंगद पांडेय, संतोष पांडेय, शिवम कुमार, रामनरेश मिश्रा, कपिलदेव पांडेय, हिमांशु कुमार, शत्रुघ्न पांडेय व रविन्द्र पांडेय शामिल हैं। सभी आरोपित सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया व उनकी ओर से जमानत की अर्जी दाखिल की गई। आरोपितों की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर अधिवक्ता चंद्रभूषण प्रसाद सिंह ने बहस की। उन्होंने सभी को निर्दोष बताते हुए कोर्ट से जमानत पर रिहा करने की प्रार्थना की। डीपीओ ज्ञानचंद भारद्वाज ने जमानत अर्जी का विरोध किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सीजेएम ने आठों आरोपितों की जमानत अर्जी मंजूर कर रिहा कर दिया।
54 लोगों को बनाया गया आरोपित
20 सितंबर को मुशहरी के सीओ सुधांशु शेखर ने सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें कथित अपहृत किशोरी के पिता शंभू पांडेय, कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला व जाप नेता मुक्तेश्वर सिंह मुकेश सहित 54 लोगों को आरोपित बनाया था। प्राथमिकी में इन सभी पर चार सितंबर को दीघरा के निकट एनएच जाम कर उग्र प्रदर्शन करने, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से दुव्र्यवहार करने तथा सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था।
यह है मामला
तीन सितंबर की रात सदर थाना के दीघरा रामपुर साह गांव में किराना व्यवसायी के घर में कथित डकैती के दौरान उनकी पुत्री का अगवा कर लिया गया। इस घटना के अगले दिन ग्रामीण व आसपास के लोग आक्रोशित हो उठे और एनएच जाम कर दिया। बाद में पुलिस जांच में मामला प्रेम-प्रसंग का निकला। पुलिस ने किराना व्यवसायी की कथित अगवा पुत्री को दिल्ली के वजीराबाद से अपने प्रेमी अपहर्ता के साथ बरामद किया। कोर्ट के आदेश से व्यवसायी की पुत्री को पटना के उत्तर रक्षागृह भेजा गया और उसके कथित अपहर्ता युवक को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।