मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए तोड़ा जाएगा पूर्वी ओवरब्रिज
Muzaffarpur Junction एक दो और तीन नंबर प्लेटफार्म को जोड़ता है यह पुल। यात्रियों को होगी थोड़ी परेशानी बाद में मिलेगी बेहतर सुविधा। तोड़ने से पहले नए फुटओवर ब्रिज को सभी प्लेटफार्म को जोड़ा जाएगा। भूमि पूजन के साथ निर्माण योजना पर काम शुरू।
मुजफ्फरपुर, जासं। मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने के लिए जंक्शन स्थित पूर्वी फुटओवर ब्रिज को तोड़ा जाएगा। यह ओवरब्रिज एक, दो और तीन नंबर प्लेटफार्म को जोड़ता है। इसके टूटने से यात्रियों को परेशानी होगी। हालांकि बाद में विश्वस्तरीय स्टेशन बन जाने से इसकी बेहतर सुविधा मिल सकेगी। आरकेएस कंस्ट्रक्शन के इंजीनियरों की रेलवे के अभियंताओं के साथ हाल में हुई बैठक में इस पुल को जल्द तोडऩे का फैसला लिया है। नक्शा के हिसाब से तैयार हो रहा प्लान
एक सप्ताह के अंदर ही इस पुल को तोडऩों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके पहले आरक्षण कार्यालय के समीप बन रहे नए फुटओवर ब्रिज को चालू किया जाएगा। उस पुल से सारे प्लेटफार्म को जोड़ दिया जाएगा। इस पुल से सभी प्लेटफार्म पर यात्री ट्रेन पकडऩे के लिए आराम से जा सकते हैं। शुक्रवार की सुबह एक गार्डर चढ़ा दिया गया है। शनिवार को दूसरा गार्डर चढ़ाकर यह कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पुल पर के ऊपरी हिस्से का काम एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए सोनपुर रेल मंडल प्रबंधक और उनके इंजीनियरों से भी इन मुद्दों पर वार्ता चल रही है। एजेंसी के इंजीनियर प्रतिदिन नक्शा के हिसाब से प्लान तैयार कर रहे हैं।
साधारण टिकट काउंटर के साथ एटीवीएम मशीन को भी जाएगा
चर्चा चल रही है कि पश्चिम दिशा के कार्यालयों को पहले तोड़ा जाएगा। इसमें पार्सल और साधारण टिकट घर को पहले दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। अनारक्षित टिकट काउंटरों को बटलर की तरफ बाइक स्टैंड में अस्थाई रूप से शेड बनाकर वहां शिफ्ट किया जाएगा। यूटीएस काउंटर के लिंक से जुड़ी एटीवीएम यानी चार आटोमेटिक टिकट वेडिंग मशीनों को भी वहां ले जाना होगा। ऐसा नहीं होने पर सभी एटीवीएम मशीनें बेकार हो जाएंगी। इस पर अधिकारियों कीे माथापच्ची चल रही है। यूटीएस और आरक्षण काउंटर रेलवे का एक बड़ा पार्ट होता है। इससे यात्रियों का सीधा जुड़ाव होता है। इसलिए इस पर भी काफी सोच विचार कर काम होगा।
बता दें कि मुजफ्फरपुर को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने की कवायद भूमि पूजन के साथ शुरू हो गया। दस अगस्त को स्टेशन आरएलडीए को हैंडओवर होने के बाद निर्माण एजेंसी को 400 करोड़ का काम सौंप दिया गया है। कंपनी के इंजीनियर उन सारी चीजों देख रहे हैं और उसी हिसाब से काम शुरू करेंगे।