East Champaran: नेपाल में घने कोहरे के कारण दो दिनों से विलंब से हो रही उड़ानें, बिहार पर भी पड़ रहा असर
East Champaran देशी-विदेशी पर्यटकों को कठिनाइयों का करना पड़ रहा सामना। सीमावर्ती रक्सौल के तलहटी में भी पड़ने लगा है इसका असर। नेपाल के प्रमुख पर्यटन स्थल पोखरा में सुबह 620 में दो घंटे विलंब से हुई जोमसोम रूट की उड़ानें।
पूर्वी चंपारण (रक्सौल), जासं। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में घने कोहरे के कारण पिछले दो दिनों से उडाने विलंब से हो रही है। जिससे देशी-विदेशी पर्यटकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर सीमावर्ती बिहार के रक्सौल अनुमंडल यानी हिमालय के तलहटी में भी इसका असर पड़ने लगा है। नेपाल के प्रमुख पर्यटन स्थल पोखरा में सुबह 6:20 में नेपाल के जोमसोम रूट की उड़ने दो घंटे विलंब से हुई। इसकी जानकारी पोखरा विमान स्थल सूचना अधिकारी देवराज सुवेदी ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों से पोखरा से काठमांडु, जोमसोम की दिन में तीन-तीन उड़ाने है। घने कोहरे के कारण दिन के 12 बजे के बाद ही उड़ानों की पूर्ण संभावना है। साथ ही विजिविलिटी बहुत कम है। जिससे परेशानी हो रही है। हवाई उड़ान के लिए कम से कम पांच हजार मीटर विजिविलिटी आवश्यक है। ठंड शुरू होते ही कोहरे के चादर में लिपट गया है। पोखरा, काठमांडु, भरतपुर भैरवहा, नेपालगंज और रक्सौल से सटे नेपाल के बारा जिला के सिमरा एयरपोर्ट पर प्रतिदिन एकानुमान के मुताबिक एक तरफ से एक हजार से अधिक देशी-विदेशी लोग हवाई यात्रा करते है। घने कोहरे से यात्री ससमय गंतब्य स्थान पर नहीं पहुंच रहे है। मौसम के मार का असर हवाई यात्रा करने वाले लोगों पर भी पड़ रही है।
शहर से निकलने वाली गंदगी बिगाड़ रहा सेहत तो कैसे सुंदर बनेगा शहर
मोतिहारी। शहर से निकलने वाली गंदगी और कचरा आम आदमी की सेहत बिगाड़ रहा है। इसके लिए स्थापित शहरी सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिए काम करने वाली संस्था नगर निगम ने मौन साध रखा है। नतीजतन सड़क किनारे फेंका जानेवाला कचरा लोगों के लिए आंख व सांस के रोग का वाहक बन रहा है। शहर में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी स्वच्छता योजना को धरातल पर उतारने के बाद स्वच्छता की उम्मीद जगी थी। मगर कचरों के ढेर के सामने यह भी बौना साबित हो गई। हाईवे किनारे पसरे कूड़ा कचरे के दुर्गंध से राह चलना मुश्किल है। इस स्थिति में शहर को स्वच्छ और इंदौर शहर बनाना एक चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए आम आदमी को भी आगे आना होगा। सिस्टम को भी अपनी व्यवस्था में सुधार लाना होगा। ठोस पहल करनी होगी। शहर में कूड़ेदान लगाने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। मुख्य सड़क पर कौन कहे गली-मोहल्लों में भी कूड़ों का अंबार लगा है। मुख्य पथ के चौक-चौराहों पर ऐसे कई जगह हैं, जहां कूड़ादान कचरों से भरा पड़ा है।